वाराणसी। HBCNews.in
धर्म संसद में पहुंचे दिल्ली के सांसद एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने किसान आंदोलन एवं चीन सीमा पर जारी विवाद पर राजनीति करने वालों को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कि पीएम मोदी ने साफ कर दिया है कि तीनों नए कृषि कानून जरुरी नहीं है, जिसे नहीं मानना वो न माने। इसके बावजूद भी लोग मानने को तैयार नहीं है तो क्या किया जाए। वहीं सीमा विवाद पर कहा कि हमारी सीमा से चीन के सैनिक पीछे हटे, बाबजूद इसके राहुल गांधी को तकलीफ है तो जाहिर है ऐसे लोग चीन के एजेंट हैं।
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11 दौर के मीटिंग हो गइल बा:
केंद्र द्वारा लाए गये तीन कृषि कानून को हटाने की मांग को लेकर किसानों का एक गुट दिल्ली की सीमाओं पर बैठकर के आंदोलन और और देश के अन्य प्रांतों में महापंचायते कर रहे हैं। मनोज तिवारी ने कहा कि बहुत कुछ भ्रम पर निर्धारित होता है, और हम सब चिंतित है, इस मुद्दे पर विपक्ष को भ्रम नहीं फैलाना चाहिए। मनोज तिवारी ने कहा कि 11 दौर के मीटिंग हो गइल बा, बारहवीं बैठक के इंतजार बा। जब उ लोग कुछ बतउते नइखे की दिक्कत का बा, त समाधान कइसे निकली।
धर्म संसद का मतलब अधर्म को खत्म करना:
बता दें कि मनोज तिवारी मुख्य अतिथि सोमवार को अखिल भारतीय ब्राम्हण एकता परिषद द्वारा आयोजित विप्र धर्म संसद में शामिल होने ऋषिकुल ब्रह्मचर्य आश्रम, शिवपुर पहुंचे थे। श्री तिवारी ने कहा कि धर्म संसद का मतलब अधर्म को खत्म करना है। जहां भी अधर्म होगा धर्म संसद उसके निदान की प्रक्रिया शुरु करेगी। देश के हर धर्म को, हर जाति को निज देश का अभिमान होना चाहिए। जब हम संगठित रहेंगे तो देश को माबल मिलेगा, जिससे कि वह विकास के पथ पर अग्रसर होता रहेगा।