अयोध्या। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के अनुसांगिक संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के पदाधिकारियों ने बुधवार को अयोध्या का दौरा किया। उन्होंने श्री कृष्ण जन्मस्थान के दर्शन किए। इस दौरान पदाधिकारियों ने श्री कृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह के विवाद की स्थिति को भी समझा। जन्मस्थान के बराबर मौजूद शाही ईदगाह को किसी शासक के आतंक का परिणाम बताते हुए उसके काम की निंदा की।
मुसलमानों से की मंदिर को आकर देखने की अपील
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के लोगों ने यहां तक कहा कि हमारे 115 करोड़ सनातनी भाईयों की आस्था को श्री कृष्ण जन्म स्थान के बगल में बनी इस मस्जिद से ठेस पहुंच रही है। इसलिए मुस्लिम समाज से जुड़े बुद्ध जीवियों को चाहिए कि वे आकर इस स्थान को देखें और और खुद ही निर्णय ले कि यह मस्जिद श्री कृष्ण जन्मस्थान के बगल में सही तरीके से बनाई गई है या गलत।
कृष्ण जन्मस्थान के बगल में ईदगाह को देखकर अफसोस होता है
मुस्लिम मंच के राष्ट्रीय संयोजक ठाकुर राजा रईस ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हिंदुस्तान पीर फकीर और ऋषि-मुनियों का देश है। 14 सौ साल पूर्व भारत में इस्लाम आया और 5000 वर्ष पूर्व भगवान श्री कृष्ण। भगवान श्री कृष्ण के जन्मस्थल को देखकर अफसोस होता है कि इसके बगल में शाही ईदगाह है। जो आक्रमणकारियों के आतंक की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि शाही ईदगाह के जरिये करोड़ों हिन्दू भाईयों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई जा रही है। हिन्दू और मुसलमान में कैसे सामंजस्य बने, कैसे वैमनस्यता खत्म हो इसकी चिंता मुस्लिम भाइयों को करनी पड़ेगी।
मुसलमानों से की विवाद को सुलझाने की अपील
मोहम्मद मजहर खान, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच में मदरसे का काम देखते हैं। उन्होंने उलेमाओं से अपील करते हुए कहा कि वह श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर आए और बीच मे जो शाही ईदगाह मौजूद है उसको देखें और जो सच दिख रहा है उससे दूसरों को भी अवगत कराए। उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण जन्मस्थान के बगल में ईदगाह का निर्माण कराकर हमारे सनातनी भाईयों की आस्था को ठेस पहुंचाया गया है। आपसी सहयोग और सद्भाव से इस विवाद का हल निकाला जा सकता है।
गर्भगृह के किए दर्शन
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के पदाधिकारी करीब एक घंटे तक मथुरा में रहे। उन्होंने गोविंदनगर गेट से मन्दिर परिसर में प्रवेश कर सबसे पहले भगवान केशव देव, गर्भगृह के दर्शन किये। उसके बाद ये लोग भागवत भवन पहुंचे। जहां मन्दिर के पुजारियों ने उन्हें प्रसाद भेंट किया।
13.37 एकड़ भूमि को मुक्त कराने के लिए कोर्ट में वाद दायर
मथुरा में श्री कृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह को लेकर अधिवक्ता हरिशंकर जैन, रंजना अग्निहोत्री एवं अन्य लोगों द्वारा श्री कृष्ण विराजमान की 13.37 एकड़ भूमि मुक्त कराने को लेकर एक वाद 25 सितम्बर क
मथुरा न्यायालय में लगाया था। इस वाद में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, शाही ईदगाह मस्जिद मथुरा, श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान को पक्षकार बनाया गया था। वहीं एक अन्य अधिवक्ता महेंद्र प्रताप ने 23 दिसम्बर 2020 को एक प्रार्थना पत्र न्यायालय में दाखिल किया। जिसमें 13.37 एकड़ भूमि को मस्जिद से मुक्त करा कर बृज 84 कोस क्षेत्र से बाहर करने, मस्जिद के नीचे जीपीआर, जिओरेडियोलॉज से खुदाई कराने की बात लिखते हुए न्यायालय से एक कमीशन बनाने की मांग की है। यह सभी मामले अभी मथुरा न्यायालय में चल रहे हैं।