उत्तर प्रदेश क्राइम प्रदेश लेटेस्ट न्यूज़

कानपुर में लॉकडाउन में खुला था ठगी का इंटरनेशनल कॉल सेंटर

कानपुर। जिले में ठगी के इंटरनेशनल कॉल सेंटर का भंडाफोड़ होते ही कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। विदेशी नागरिकों को लोन का झांसा देकर ठगी करने वाले युवा लॉकडाउन में बेरोजगार हो गए थे। उन्हें दिल्ली में बैठे ठगी के मास्टर माइंड ने रातों-रात करोड़पति बनने का सपना दिखाकर कॉल सेंटर खुलवाया। अमेरिकी नागरिकों का डेटा, विदेशी खातों की डिटेल समेत अन्य संसाधन उपलब्ध कराए थे। ठगी के बदले में 25 से 40 फीसदी कमीशन काटकर इन्हें रकम ट्रांसफर होती थी।

जांच के दौरान आरोपियों के पास से 13 पेज की एक स्क्रिप्ट भी बरामद हुई है। इसमें अमेरिकी नागरिक को कॉल करने से लेकर उन्हें अलग-अलग तरह से फंसाने के तरीके क्रमवार लिखे हुए हैं। क्राइम ब्रांच ने स्क्रिप्ट को भी अपने कब्जे में लिया है। स्क्रिप्ट देखने के बाद क्राइम ब्रांच को चंद मिनट में ही ठगी का पूरा खेल समझ में आ गया।

कानपुर में कॉल सेंटरों का तगड़ा मकड़जाल, रोजाना कर रहे लाखों की ठगी

ADCP क्राइम IPS दीपक भूकर ने बताया कि शहर के आवास विकास हंसपुरम नौबस्ता में शुक्रवार को कॉल सेंटर संचालक रवि शुक्ला और विशाल सिंह सेंगर पकड़े गए थे। दोनों दिल्ली के एक कॉल सेंटर में नौकरी करते थे। लॉकडाउन के दौरान ही उनकी नौकरी चली गई थी। इस बीच दिल्ली में बैठे विदेशी नागरिकों से ठगी करने के मास्टर माइंड से उनका संपर्क हुआ।

सरगना ने ही उन्हें कंप्यूटर खरीदने से लेकर विदेशी नागरिकों का डेटा, बैंक अकाउंट डिटेल समेत अन्य संसाधन उपलब्ध कराए। दोनों ने कॉल सेंटर में 6 अन्य कर्मचारियों को नौकरी देकर विदेशी नागरिकों को लोन का झांसा देकर ठगी का खेल शुरू किया। कम समय में आरोपी युवकों ने 80 लाख से ज्यादा की ठगी कर ली।

25 से 40 फीसदी कमीशन काटकर मिलती थी पेमेंट

मास्टर माइंड आने वाली ठगी की रकम पर अपना होल्ड रखता था। 25 से 40 फीसदी कमीशन काटकर रवि और विशाल को ठगी की रकम ट्रांसफर करता था। दोनों ने बताया कि कानपुर में एक-दो नहीं 25 से ज्यादा ठगी के कॉल सेंटर घरों के अंदर अवैध रूप से चल रहे हैं। काकादेव में शहर का पहला कॉल सेंटर पकड़े जाने के बाद से लोग सतर्क हो गए। पुलिस ने कॉल सेंटर में नौकरी करने वाले 6 अन्य कर्मचारियों को छोड़ दिया। जांच में सामने आया कि ठगी के खेल में उनका कोई हस्तक्षेप नहीं था।

दिल्ली में दी गई थी ट्रेनिंग, मास्टर माइंड की तलाश में छापेमारी

पूछताछ के दौरान आरोपी रवि और विशाल ने बताया कि उन्हें ठगी की बेसिक जानकारी भी नहीं थी। मास्टर माइंड ने दिल्ली में बुलाकर उन्हें एक कॉल सेंटर में एक सप्ताह की ट्रेनिंग दी थी। इसके बाद दोनों ने कानपुर में अपना कॉल सेंटर सेटअप किया। विदेशी नागरिकों को झांसे में लेकर लोन के नाम पर ठगी का खेल शुरू कर दिया। IPS दीपक भूकर ने बताया कि दिल्ली में बैठे सरगना की पूरी जानकारी मिल गई है। उनकी टीमें सरगना को पकड़ने के लिए छापेमारी भी कर रही हैं। गिरफ्तारी के बाद उसका कच्चा चिट्‌ठा मीडिया के सामने रखा जाएगा।

बेरोजगार युवकों की रातों-रात हो गई थी लग्जरी लाइफ

विदेशी नागरिकों से ठगी करने वाले रवि और विशाल के पड़ोसियों से पूछताछ की गई तो पता चला कि बेरोजगार होने के बाद दोनों ने कॉल सेंटर खोला था। इसके बाद दोनों की लाइफ स्टाइल बदल गई। कार से चलने से लेकर महंगे फोन, ब्रांडेड कपड़े-जूते पहनने लगे थे। दोनों ने पॉश इलाके में एक फ्लैट खरीदने के लिए भी बिल्डर से बातचीत कर रखी थी। इससे पहले ही कॉल सेंटर का भंडाफोड़ हो गया।

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *