पटना। राज्य के अस्पतालों में कहां-कितने बेड खाली हैं, अब इसकी जानकारी रोज जनता को मिल सकेगी। ऑक्सीजन की उपलब्धता के बारे में भी अब प्रतिदिन बताना होगा। हाईकोर्ट ने AIIMS के निदेशक और राज्य मानवाधिकार आयोग के सचिव को निरीक्षण का जिम्मा दिया है। राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच लोगों को हो रही परेशानी पर जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह तथा जस्टिस मोहित कुमार शाह की खंडपीठ ने शिवानी कौशिक, गौरव कुमार सिंह की ओर से दायर PIL पर सुनवाई के दौरान बुधवार को यह निर्देश दिया।
अस्पतालों का नियमित करना है निरीक्षण
पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि वह हर दिन जनता को बताए कि किस अस्पताल में कितना बेड खाली है। साथ ही राज्य के अस्पतालों में ऑक्सीजन की स्थिति के बारे में भी जानकारी देने का निर्देश दिया है। मामले पर 23 अप्रैल को फिर सुनवाई होगी। पटना एम्स के निदेशक और राज्य मानवाधिकार आयोग के सचिव ने NMCH के बारे में कोर्ट को बताया कि उनलोगों ने निरीक्षण के क्रम में पाया कि कोविड मरीजों के लिए 400 बेड की व्यवस्था है, जिसमें लगभग 200 बेड अभी भी खाली हैं। इसपर कोर्ट ने कहा कि अगर ऐसा है तो कैसे कहा जा रहा है कि अस्पताल में एक भी बेड खाली नहीं है। अखबारों में खबरें आ रही हैं कि मरीज बेड के लिए सड़कों पर भटक रहे हैं। कोर्ट ने दोनों को अस्पतालों का नियमित निरीक्षण करते रहने का निर्देश दिया।
राज्य सरकार ने प्रयासों की दी जानकारी
सुनवाई के दौरान ऑक्सीजन की आपूर्ति के बारे में जानकारी दी गई। बताया गया कि आपूर्ति का सिलसिला तेज किया गया है। इसपर कोर्ट ने राज्यभर के अस्पतालों में ऑक्सीजन की हो रही आपूर्ति के बारे में जानकारी अगली सुनवाई में देने का निर्देश राज्य सरकार को दिया। सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि मरीजों को भटकना नहीं पड़े, इसके लिए राज्य सरकार हरसंभव उपाय कर रही है।
राज्य सरकार को तय करना है कैसे देगी जानकारी
राज्य सरकार को प्रतिदिन अस्पतालों में खाली बेड और ऑक्सीजन की उपलब्धता के बारे में जानकारी देनी है। इसके लिए या तो बुलेटिन जारी करे, प्रेस विज्ञप्ति के जरिए आमजन को बताए, स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर प्रतिदिन जानकारी साझा करे या आमजन तक किस माध्यम से जानकारी पहुंचानी है, यह राज्य सरकार को तय करना है।