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भारत में स्वदेशी पोत निर्माण का हब बनने की असीम संभावना – राजनाथ सिंह

चेन्नई। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि देश में स्वदेशी पोत निर्माण का हब बनने की ‘असीम संभावना’ है। साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र घरेलू उद्योग को विश्वस्तरीय बनाने में मदद के लिए कई नीतियां लाया है। भारतीय तटरक्षक बल के पोत (आईसीजीएस) ‘विग्रह’ को यहां नौसेना के बेड़े में शामिल करने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में सिंह ने कहा कि अगले 2 वर्षों में दुनियाभर में सुरक्षा पर खर्च 2 लाख 10 हजार करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगा। ‘विग्रह’ 7 अपतटीय गश्ती जहाजों में आखिरी जहाज है।

उन्होंने कहा कि ज्यादातर देशों का पूरे 1 साल के लिए भी इस स्तर का बजट नहीं है। अगले 5 वर्षों में इसके कई गुना तक बढ़ने की संभावना है। ऐसी स्थिति में आज हमारे पास अपनी क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल करने, नीतियों का फायदा उठाने और देश को स्वदेशी जहाज निर्माण का हब बनाने की ओर बढ़ने की असीम संभावना है। रक्षामंत्री ने कहा कि मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि इन संभावनाओं पर विचार करते हुए सरकार ने विश्व स्तर पर पहचान बनाने के लिए पहले ही ऐसी नीतियां बनाई है, जो हमारे घरेलू उद्योग को मदद करती हैं, चाहे वह सार्वजनिक क्षेत्र हो या निजी क्षेत्र की संस्था हो।

आईसीजीएस ‘विग्रह’ पर उन्होंने कहा कि इसके डिजाइन से लेकर विकास तक यह जलपोत पूरी तरह स्वदेशी है। उन्होंने कहा कि भारतीय रक्षा के इतिहास में पहली बार निजी क्षेत्र की कंपनी लार्सन एंड टूब्रो के साथ 1 या 2 नहीं बल्कि 7 जहाजों के लिए करार हुआ है। सिंह ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 2015 में इस समझौते पर हस्ताक्षर के 7 वर्षों के भीतर आज इन सभी 7 जहाजों को शामिल करने की प्रक्रिया पूरी हो गई है।

रक्षा विभाग ने एक बयान में कहा कि 98 मीटर लंबे जहाज में 11 अधिकारियों और 110 नौसैनिकों के सवार होने की क्षमता है तथा इसे लार्सन एंड टूब्रो शिप बिल्डिंग लिमिटेड ने बनाया है। यह उन्नत तकनीकी रडार, नौवहन और संचार उपकरणों, सेंसर से लैस है। आईसीजीएस विग्रह दोहरे इंजन वाले 1 हेलीकॉप्टर और 4 तेज गति वाली नौकाओं का भार उठा सकता है। जहाज समुद्र में तेल बिखरने से निपटने के लिए प्रदूषण नियंत्रण उपकरण का भार भी उठा सकता है। यह जहाज 40/60 बोफोर्स गन से लैस है। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, तटरक्षक बल के महानिदेशक के। नटराजन और तमिलनाडु के उद्योग मंत्री थंगम थेन्नारासू ने कार्यक्रम में भाग लिया।

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