कानपुर। देश में अब बच्चों पर कोरोना की वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो चुका है। अब तक 2 से 6 साल तक के उम्र के 5 बच्चों को टीका लगाया जा चुका है। इनमे से सबसे छोटा बच्ची दो साल आठ महीने की है। यह बच्ची कानपुर देहात में एक निजी डॉक्टर ने अपनी बच्ची पर वैक्सीन ट्रायल के लिए उसका वैक्सीनेशन करवाया। गुरुवार को तीन और बच्चों को टीका लगाया गया। लगाने से पहले ब्लड सैंपल लिया गया। ये टीका कौवैक्सीन के प्लान के तहत लगाया गया है।
सेफ्टी प्रोफाइल चेक कर रखी जा रही है नज़र
बच्चों पर ट्रायल के चीफ इन्वेस्टीगेटर पूर्व डीजीएमई डॉ. वीएन त्रिपाठी ने बताया कि, 2 से 6 साल वर्ष के 15 बच्चों को और वैक्सीन लगाई जानी बाकी है। जिन बच्चों को जिन्हें वैक्सीन लगी है उनका सेफ्टी के लिए हम लोग उनकी प्रोफाइल चेक कर रहे हैं। इन बच्चों में अभी तक किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं पायी गई है। इसके पहले जिन बच्चों को वैक्सीन लगी थी उसमें से सिर्फ दो बच्चों को फीवर आया था। जिन 2 से 6 साल वर्ग के बच्चों को टीका लगाया गया है अब उनको दूसरी डोज 28 से 30 दिनों बाद लगाई जाएगी।
तीन वर्गों में बांटे गए हैं बच्चे
इसमें तीन आयु वर्ग के बच्चों को शामिल किया गया। सबसे बड़ा आयु वर्ग 12 से 18 साल, उस छोटा आयु वर्ग 6 साल से 12 साल और सबसे छोटा आयु वर्ग 2 से 6 साल के बच्चों का है। अभी 6 से 12 और 12 से 18 साल आयु वर्ग के 15 वालंटियर को वैक्सीन की .5 एमएम की पहली डोज दी जा चुकी है।
वैक्सीनेशन से पहले बच्चों की आरटीपीसीआर जांच की गई
जिन बच्चों को ट्रायल में शामिल किया गया, उनकी आरटीपीसीआर जांच कराई गई जो निगेटिव आई। वैक्सीन लगाने के पहले उनका ब्लड सैंपल लिया। इसे जांच के लिए आईसीएमआर दिल्ली भेजा गया था। जिन्हें वैक्सीन लगाई गई है, उनका एक सप्ताह का सेफ्टी प्रोफाइल तैयार किया जाएगा। इसके बाद अगले बच्चों को टीका लगेगा। गुरुवार को भी 6 बच्चों का फुल बॉडी चेकअप करके उसकी जांच होने के लिए दिल्ली भेजा गया है।
इतनी कम उम्र में दुनिया का पहला टेस्ट
वैक्सीन परीक्षण के प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर वीएन त्रिपाठी ने कहा, दुनिया में यह पहली बार है कि 2 साल के बच्चे पर कोरोना के टीका का परीक्षण किया गया है। इतनी कम उम्र में बच्चों पर कहीं भी कोरोना वैक्सीन का परीक्षण नहीं किया गया है।