कानपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार शाम को कानपुर के दौरे पर पहुंचेंगे। उनके दौरे को लेकर पार्टी स्तर पर भी तैयारियां शुरू कर दी गई है। बताया जा रहा है कि उनके आगमन को देखते हुए सपा और कांग्रेस के तीन विधायकों को नजरबंद कर दिया गया है। विधायकों का आरोप है कि क्या सरकार उनको अपना विधायक नहीं मानती है। सरकार उनकी आवाज को दबाना चाहती है।
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री के दौरे में जनप्रतिनिधियों की साथ एक बैठक होनी है। जिसमें किसी भी गैर भाजपाई जनप्रतिनिधि को नहीं बुलाया गया है। इतना ही नहीं बैठक में भाजपा के तीनों जिलाध्यक्ष बुलाए गए हैं। जनप्रतिनिधियों की बैठक में महापौर प्रमिला पांडे, कानपुर से सांसद सत्यदेव पचौरी अकबरपुर से सांसद भोले सिंह मौजूद रहेंगे।
कानपुर महानगर के सभी विधायक जिनमें सतीश महाना मंत्री, नीलिमा कटियार मंत्री, और सभी विधायक के अलावा भाजपा के तीनों जिलाध्यक्ष जिनमें कानपुर उत्तर से सुनील बजाज, कानपुर दक्षिण से बीना आर्या और कानपुर ग्रामीण के जिलाध्यक्ष कृष्ण मुरारी शुक्ला भी शामिल हैं।
विधायकों ने लगाया उपेक्षा का आरोप
कानपुर नगर से दो सपा विधायक और एक कांग्रेसी विधायक ने जनप्रतिनिधि बैठक में नहीं बुलाये जाने का पर तीख़ी प्रतिक्रिया की है। तीनों ने एक स्वर में कहा है कि यह लोकतांत्रिक व्यवस्था को गला घोटना है। उन्होंने सवाल खड़े करते हुये कहा है कि जनप्रतिनिधि बैठक में आखिर तीनों भाजपा जिलाध्यक्ष का क्या काम है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह जनप्रतिनिधियों की नहीं भाजपा संगठन की बैठक है।
पुलिस ने किया नजरबंद
इस बीच, सपा के आर्यनगर से विधायक अमिताभ बाजपेयी ने अपने बयान जारी कर कहा है कि उनको यह सरकार विधायक नहीं मानती है। आज सुबह पुलिस उसके घर पहुंच गई है। वाजपेयी ने एक वीडियो वायरल कर आरोप लगाया है, कि जनप्रतिनिधियों की बैठक में उनको निमंत्रित नहीं किया गया है। जब वह बिना बुलाये जाना चाहते हैं तो उनको घर में नजरबंद कर दिया गया। सपा के सीसामउ विधायक इरफ़ान सोलंकी और कांग्रेस के कैंट विधायक सुहेल अंसारी को भी घर मे नज़रबन्द कर दिया गया है।