नई दिल्ली। देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर इतना कहर बरपाएगी किसी ने सोचा ना था। जिन श्मशान घाटों पर रोजाना 20-25 शवों का अंतिम संस्कार होता था, वहां पर अब रोजाना का आंकड़ा 200 से ज्यादा पहुंच गया है। इसका सबसे ज्यादा असर श्मशान घाट के पास झुग्गी में रहने वाले लोगों पर हो रहा है। शवों के चलने की महक और धुएं से वो परेशान हैं, लेकिन करें तो क्या करें उनके पास भी इस मुश्किल हालात में कहीं और जाने का रास्ता नहीं है।
पश्चिमी दिल्ली की झुग्गी बस्ती में रहने वाले लोग इन दिनों डर के साए में जी रहे हैं। उनके घर के पास में श्मशान घाट है और वहां पर 200-250 शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है। ऐसे में उनको कोरोना के अलावा अन्य संक्रमण का खतरा रहता है। पश्चिम पुरी में श्मशान के बगल स्थित 900 झुग्गियों में करीब 1500 लोग रहते हैं। वहां के एक निवासी सरोज ने बताया कि ये बहुत डरावनी स्थित है। हम एंबुलेंस को पास से गुजरते हुए देखते रहते हैं। इसके अलावा लगातार वहां से बदबू और धुआं उठता रहता है, चाहे वह दिन हो या रात। कोविड संक्रमण का डर तो उन्हें लगा रहता है, लेकिन जो श्मशान में आग चलती दिखती है उससे उनका मन परेशान रहता है।
वैसे तो आधिकारिक आंकड़े कम रहते हैं, लेकिन सरोज के पड़ोस में रहने वाली काकोली देवी के मुताबिक गुरुवार को लगभग 300 शवों का अंतिम संस्कार हुआ। पिछले दो दिनों में भी लगभग 200-250 शवों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि उन्होंने एक ट्रक की व्यवस्था कर ली है, जिससे वो इस जगह को छोड़कर यूपी के महाराजगंज में स्थित अपने घर चले जाएंगे।