महाराजगंज। जिले से एक बड़ा अजीबोगरीब मामला सामने आया है। महाराजगंज जिला जेल में कैद दो सजायाफ्ता कैदियों ने पैरोल पर मिली रिहाई को लेने से मना कर दिया है। पैरोल मिलने के बाद दोनों कैदियों ने जेलर को पत्र लिखकर आर्थिक तंगी और बढ़ते कोरोना संक्रमण का हवाला देकर जेल में ही रहने देने की गुहार लगाई है।
दोनों कैदी पिछले साल भी पैरोल पर रिहा हुए थे। बताया जा रहा है कि तब कोई काम न मिलने के कारण उन्हें काफी दिक्कतें पेश आई थी
दहेज हत्या में जेल काट रहे हैं कैदी
दरअसल शासन द्वारा जेलों में कोविड संक्रमण फैलने की आशंका को देखते हुए बंदियों को अंतरिम जमानत और सजायाफ्ता कैदियों को 60 दिनों की पैरोल पर छोड़ा जा रहा है। जिसको देखते हुए महराजगंज जिला जेल से 76 बंदी अंतरिम जमानत पर रिहा किए जा चुके हैं।
वहीं पैरोल के लिए 7 कैदियों को चिह्नित किया गया है। इनमें घुघली के हरपुर महंथ निवासी बृहस्पति और श्यामदेउरवा के कछरहवां निवासी कमलेश भी हैं। दोनों दहेज हत्या में 7-7 साल के लिए सजायाफ्ता हैं और 2017 से जेल में हैं।
लॉकडाउन में काम नहीं मिलेगा साहब
इस साल दोनों को जब शासन द्वारा पैरोल पर जाने का आदेश मिला तो दोनों ने ये कहते हुए जेलर को पत्र लिखकर जेल के बाहर जाने से मना कर दिया कि लॉकडाउन के कारण उन्हें बाहर कोई काम नही मिलेगा और जेल के बाहर उन लोगों को कोरोना का डर भी बना रहेगा।
दोनों कैदियों कमलेश और बृहस्पति ने बताया कि वो पहले मजदूरी करते थे लेकिन इस लॉकडाउन में उन्हें जेल के बाहर मजदूरी नहीं मिलेगी इसलिए वह जेल के बाहर नहीं जाना चाहते। फिलहाल जेलर ने दोनों की रिहाई रोक दी गई है।