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बाल श्रम रोकने को बच्चों ने की अनूठी पहल 

                        विश्व बालश्रम निषेध दिवस पर बाल पंचायत की संगोष्ठी

                          बड़ों के साथ मिलकर बच्चे भी इस दिशा में करेंगे प्रयास 
                       अपने-अपने गाँव को कराएंगे बालश्रम से मुक्त     

वाराणसी- 12 जून । बाल श्रम को रोकने के लिए अब बच्चों ने भी पहल शुरू कर दी है “विश्व बाल श्रम निषेध दिवस” पर आयोजित वर्चुअल संगोष्ठी में यह तय हुआ कि बड़ों के साथ मिलकर बच्चे भी इस दिशा में पहल करेंगे और अपने-अपने गांव को बालश्रम से मुक्त कराएंगे ।
”विश्व बाल श्रम निषेध दिवस” पर शनिवार को “बाल पंचायत” (बच्चों के हित में बच्चो द्वारा बनाया गया समूह) व ह्यूमन लिबर्टी नेटवर्क की पार्टनर संस्था “मानव संसाधन एवं महिला विकास संस्थान” की ओर से आयोजित वर्चुअल संगोष्ठी में बालश्रम, बाल संरक्षण के मुद्दे पर गंभीर चर्चा हुई । संगोष्ठी में पूर्वी उत्तर प्रदेश के पांच जिलों मिर्जापुर, वाराणसी, चन्दौली, भदोही और जौनपुर के 25 बच्चों ने जिला स्तर पर कार्यरत अधिकारियों से बाल श्रम के रोकथाम पर चर्चा की ।
वर्चुअल संगोष्ठी में मिर्जापुर जिले के बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष बप्पा रावल,  वाराणसी जिले के श्रम प्रर्वतन अधिकारी सुनील कुमार सिन्हा,  वाराणसी की बाल संरक्षण अधिकारी निरूपमा सिंह, चंदौली के बाल संरक्षण अधिकारी किशन वर्मा, भदोही की बाल संरक्षण अधिकारी मीना गुप्ता, जौनपुर के  बाल संरक्षण अधिकारी चन्दन राय, चाइल्ड राइटस के अमन ने बच्चों के विचारों को सुना और उनसे बाल श्रम के रोकथाम पर चर्चा की ।
संगोष्ठी में वाराणसी की नीलम, सूरज,  मिर्जापुर के चन्दन, विजय, अजित, भदोही के अमरजीत, प्रीति, जौनपुर के अमित, पंकज, रवी समेत अन्य बच्चों ने अपने- अपने ग्राम-समाज को बाल श्रम से मुक्त बनाने पर जोर दिया। इसके साथ ही मांग की कि बालश्रम के सभी रूपों पर प्रतिबंध लगाया जाए। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष तक के किसी भी बच्चे को स्कूल के बाद या छुट्टी के दौरान किसी भी घरेलू व्यवसाय में काम करने की अनुमति नही दी जानी चाहिये। गाँव में प्रत्येक बच्चे विद्यालय से जुड़ें रहें और जो बच्चे विद्यालय नहीं जा रहे, उनके विद्यालय न जाने के कारण जानने के लिये सर्वेक्षण कराया जाये और उनको विद्यालय से जोड़ा जाये। ग्राम स्तर की बाल संरक्षण समितियो से लेकर सभी स्तरों पर बाल संरक्षण समितियों को सक्रिय किया जाये। इस वर्ष जब ग्राम पंचायत विकास योजना बनायी जाए तो  उसमें बच्चो की सुरक्षा के लिये योजना बनायी जाये और ग्राम पंचायत वार्षिक बजट में गाँव में बाल श्रम को रोकने के लिये बजट बनाया जाये। बच्चों से बात करते हुए वाराणसी की बाल संरक्षण अधिकारी निरूपमा ने बच्चो को बाल सुरक्षा व स्पान्सरशीप योजना के बारे जानकरी दी । वाराणसी के श्रम प्रर्वतन अधिकारी सुनील कुमार सिन्हा ने बच्चों को बाल श्रम के रोकथाम कानून  की जानकारी देते हुये बाल श्रम के खात्मे पर प्रकाश डाला। मिर्जापुर जिले के बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष बप्पा रावल ने भी बच्चों को बाल संरक्षण के बारे में बताया ।

विश्व बाल श्रम विरोध दिवस पर बच्चों ने पोस्टर प्रदर्शनी के माध्यम से समाज को बाल श्रम से मुक्त बनाने की अपील की और नवनिवार्चित ग्राम प्रधानों को  गाँव को बाल श्रम मुक्त बनाने के लिए कहा ।  पाँच जिलों के 6000 बच्चो ने अपना पाँच सूत्रीय माँग पत्र प्रधानों को दिया व गाँव को बालश्रम से मुक्त बनाने की माँग की । वर्चुअल मीटिंग में नीलम, पंकज ,सुरज , रवी, अजीत ने सक्रिय भूमिका निभाई।

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