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CBI ने तीन शातिरों को 14 साल बाद किया गिरफ्तार

लखनऊ। जिले के बैंकों से लाखों रुपयों का फ्रॉड करके 14 साल से फरार चल रहे तीन शातिरों को CBI ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों में एक महिला भी शामिल है। अधिकारियों के मुताबिक आरोपी वैभव गुप्ता व उषा गुप्ता को मुंबई से और गौरव सागर गुप्ता को पुणे से गिरफ्तार किया गया है। तीनों आरोपितों को लखनऊ स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया। जहां से वह न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजे गए।

15 आरोपियों के खिलाफ सीबीआई ने दर्ज किया था केस

फर्जी दस्तावेजों लगाकर यूनियन बैंक आफ इंडिया की सचिवालय शाखा से 2.1 करोड़ रुपए व सेंट्रल बैंक आफ इंडिया की नक्खास शाखा से 49.40 लाख रुपए लोन लेकर हड़पने के मामले में CBI ने 13 दिसंबर 2007 को बैंक अधिकारियों समेत 15 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया था। तभी से वह फरार चल रहे थे और कोर्ट ने उन्हें भगोड़ा घोषित किया था। इसी तरह सीबीआई ने 28 दिसंबर 2007 को पंजाब नेशनल बैंक की चारबाग शाखा से 12.80 लाख रुपये का हाउस लोन लेकर रकम हड़पने के मामले में गौरव सागर गुप्ता व अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया था। इन मामलों में CBI चार्जशीट दाखिल कर चुकी थी लेकिन आरोपी फरार थे।

बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से हुई जालसाजी

सीबीआई के प्रवक्ता के मुताबिक तीनों जालसाजों ने बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेजों के जरिए होम लोन व कैश क्रेडिट लिमिट बनवाकर बैंक की रकम हड़प ली थी। यूनियन बैंक आफ इंडिया को 2.01 करोड़ रुपये व सेंट्रल बैंक आफ इंडिया को 49.40 लाख रुपये का नुकसान हुआ था। यूनियन बैंक आफ इंडिया की लखनऊ सचिवालय शाखा से आठ होम लोन, छह सीसी लिमिट व टर्म लोन पास करवाये गए थे। सेंट्रल बैंक आफ इंडिया, नक्खास शाखा से तीन होम लोन लिए गए थे।

फ्लैट के लिए लोन लेकर कहीं और हुआ था निवेश

बैंक अधिकारियों ने बिना किसी पड़ताल के निर्माणाधीन फ्लैटों की खरीद के लिये गए लोन स्वीकृति कर दिए थे। इसकी अदायगी न होने पर छानबीन हुई तो पता चला कि लोन की रकम को कही और निवेश किया गया है। जबकि बैंकों में फर्जी दस्तावेज लगाकर फ्लैटों की खरीद-फरोख्त दिखाई गई थी। प्रकरण में सीबीआई ने 30 अप्रैल 2010 को लखनऊ स्थित कोर्ट में यूनियन बैंक आफ इंडिया व सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के तत्कालीन अधिकारियों अन्य 15 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किये थे। इनमें वैभव गुप्ता, उषा गुप्ता व गौरव मुख्य थे। कोर्ट ने उन्हें भगोड़ा घोषित किया था और उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किये थे।

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