गोरखपुर। बसपा के पूर्व एमएलसी और हिस्ट्रीशीटर संजीव उर्फ रामू द्विवेदी की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। डीजीपी के सख्त आदेश के बाद गोरखपुर और देवरिया पुलिस ने रामू और उसके खिलाफ एक्शन तेज कर दिया गया है। पुलिस ने उसकी 1.85 करोड़ की संपत्तियों का ब्यौरा जुटाया है। पुलिस का दावा है कि सभी संपत्ति रामू द्विवेदी ने काली कमाई से बनाई है। इस पर जल्द बुल्डोजर चलेगा।
यूपी के 33 माफिया की सूची में रामू द्विवेदी
पूर्व एमएलसी रामू द्विवेदी यूपी के टॉप-33 माफिया की सूची में शामिल है। वह गोरखपुर के चौरी चौरा थाने का हिस्ट्रीशीटर है। वह गोरखपुर जिले के चौरीचौरा क्षेत्र स्थित वंसहिया में भी रह चुका है। रामू की आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए चौरी चौरा थाने की पुलिस ने उसकी हिस्ट्रीशीट खोली है। रामू द्विवेदी पर हालांकि गोरखपुर जिले में कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। रामू ने देवरिया और लखनऊ में आपराधिक घटनाएं की हैं। पुलिस रिकार्ड के अनुसार रामू ने बाकायदा गैँग तैयार कर रखा है। उसके गिरोह में 12 सदस्य हैं।
डीजीपी की सख्ती के बाद गोरखपुर और देवरिया की पुलिस ने रामू और उसके गिरोह के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने उसके गिरोह के एक सदस्य मनीष का गन लाइसेंस रद्द कर दिया है। गिरोह के अन्य सदस्यों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है।
देवरिया पुलिस ने लखनऊ में किया गिरफ्तार
पूर्व एमएलसी रामू द्विवेदी के साथ उनके तीन साथियों को उत्तर प्रदेश की देवरिया पुलिस ने बीते शुक्रवार को लखनऊ से गिरफ्तार किया था। पुलिस अधीक्षक श्रीपति मिश्र ने बताया कि रामू द्विवेदी तथा उनके तीन साथी यहां विभिन्न मुकदमों में वांछित चल रहे थे और उनकी गिरफ्तारी के लिए देवरिया पुलिस लगी हुई थी। शुक्रवार की रात देवरिया पुलिस ने पूर्व एमएलसी रामू को लखनऊ के बहुखंडी आवास के पास से गिरफ्तार किया। उनके तीन साथियों कुणाल मल्ल, बजरंगी तिवारी और मनीष मिश्र को भी देवरिया पुलिस ने विभिन्न स्थानों से गिरफ्तार किया है।
ये लोग विभिन्न मुकदमों में वांछित थे। चारों आरोपियों को रिमांड मजिस्ट्रेट के यहां पेश किया गया। रामू द्विवेदी तथा उनके साथियों पर आरोप है कि इन लोगों ने देवरिया निवासी तथा शराब कोरोबारी संजय केडिया पर जानलेवा हमला किया था। समाजसेवी निकुंज अग्रवाल के साथ मारपीट की थी।