कानपुर। में ब्लैक फंगस से पीड़ित दो महिलाओं की मौत हो गई। इनमें एक कोविड पॉजिटिव थी, दूसरी प्रीजेम्प्टिव कोरोना से पीड़ित थी। महामारी घोषित होने के बाद ब्लैक फंगस से ये पहली मौतें हैं। एक महिला ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ा। दूसरी ने घर पर दम तोड़ा। इससे पहले भी दो लोगों की मौत हो चुकी है पर उन मरीजों की जांच नहीं हुई थी। 21 अप्रैल को हैलट में हमीरपुर के बरुआ सुमेरपुर निवासी 60 वर्षीय कोविड पीड़िता भर्ती कराई गई थी। आंखों में सूजन और नाक और मुंह में तकलीफ की शिकायत थी। कोविड होल्डिंग इमरजेंसी से वार्ड में शिफ्ट की गई थी।
शनिवार सुबह मौत हो गई। इसी तरह तालग्राम गांधीनगर मोहल्ला कन्नौज निवासी 42 वर्षीय महिला को भी आंखों में सूजन और नाक में तकलीफ के साथ 21 मई को भर्ती कराया गया था। परिजनों का कहना है कि हैलट में इंजेक्शन देने के बाद कोई राहत नहीं मिली और वह बेहोशी में चली गई। लोगों ने एसजीपीजीआई ले जाने की सलाह दी मगर पीजीआई में बात नहीं बनी तो घर ले आए। घर पर ही शुक्रवार को उनकी मौत हो गई। मेडिकल कॉलेज प्राचार्य प्रो. आरबी कमल ने भरुआ सुमेरपुर निवासी महिला में ब्लैक फंगस के लक्षण के पुष्टि की है। वहीं तालग्राम की महिला के बारे में ब्योरा नहीं मिला। प्राचार्य के मुताबिक घरवाले डॉक्टरों की बगैर सलाह के महिला को लेकर चले गए थे, जिसकी सूचना पुलिस को दी गई थी। उधर, देर रात ब्लैक फंगस से पीड़ित 17 वर्षीय युवक के साथ तीन अन्य मरीज भर्ती कराए गए हैं।