वाराणसी। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद पूर्वांचल में सियासी समीकरण बदले हैं। बाहुबली पूर्व एमएलसी विनीत सिंह ने मिर्जापुर, सोनभद्र और जौनपुर के जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ ही वाराणसी में ब्लाक प्रमुख के चुनाव में अपना दबदबा दिखाया है। वाराणसी की सेंट्रल जेल में बंद माफिया एमएलसी बृजेश सिंह के परिवार की रसोईयां ने सेवापुरी ब्लाक प्रमुख पद पर निर्विरोध निर्वाचित होकर कपसेठी हाउस के राजनीतिक रसूख को बरकरार रखा है।
वहीं, मऊ सदर विधायक माफिया मुख्तार अंसारी के गिरोह के बदमाशों के एक-एक मारे जाने के साथ ही गाजीपुर जिले में उनकी राजनीतिक जमीन भी दरकती जा रही है। इसे लेकर सियासी गलियारों में इन दिनों चर्चाएं हैं कि विनीत एक नए किंगमेकर के तौर पर खुद को स्थापित किए हैं तो मुख्तार में अब वह बात नहीं रही जो पहले कभी हुआ करती थी।
चार जिलों में पंचायत चुनाव के नए क्षत्रप बने विनीत
वाराणसी के चोलापुर क्षेत्र के गोला गांव निवासी पूर्व एमएलसी श्याम नारायण सिंह उर्फ विनीत सिंह ने मिर्जापुर में अपने करीबी राजू कनौजिया को जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाया। सोनभद्र में उन्होंने अपना दल (एस) की प्रत्याशी राधिका पटेल की जीत का मार्ग प्रशस्त किया। जौनपुर में अपना दल (एस) के समर्थन से जिला पंचायत अध्यक्ष बनी श्रीकला रेड्डी की जीत के पीछे भी विनीत की ही अहम भूमिका बताई जा रही है।वहीं, वाराणसी में जब विनीत के गांव से संबंधित ब्लाक के प्रमुख की चुनाव की बारी आई तो उन्होंने अपने करीबी और मिर्जापुर के जिला पंचायत अध्यक्ष राजू कनौजिया की भाभी लक्ष्मीना कनौजिया को भाजपा से टिकट दिलाया। इसके साथ ही लक्ष्मीना को विनीत ने निर्विरोध निर्वाचित कराया। इस तरह से विनीत पूर्वांचल के 4 जिलों में पंचायत चुनाव के नए क्षत्रप बने हैं। इसके साथ ही विनीत अब खुद एमएलसी के चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं।
कपसेठी हाउस ने बरकरार रखा अपना राजनीतिक रसूख
वाराणसी में पंचायत चुनाव हो और कपसेठी हाउस यानी एमएलसी बृजेश सिंह के बड़े भाई उदयनाथ सिंह उर्फ चुलबुल सिंह के परिवार का जिक्र न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता है। चुलबुल सिंह तो अब नहीं रहे लेकिन उनके दोनों बेटे विधायक सुशील सिंह और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुजीत सिंह डॉक्टर का पंचायत चुनाव में दबदबा आज भी बरकरार है।कपसेठी से संबंधित ब्लाक सेवापुरी के प्रमुख का पद इस बार अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित था। इसे देखते हुए कपसेठी हाउस में रसोईं का काम देखने वाली रीना कुमारी को भाजपा से प्रत्याशी घोषित किया गया। रीना निर्विरोध निर्वाचित हुई और अब वह वाराणसी के पहले मॉडल ब्लाक सेवापुरी के प्रमुख के पद पर 5 साल तक आसीन रहेंगी।
मुख्तार अंसारी का परिवार गाजीपुर में नहीं दिखा पाया दम
बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी गाजीपुर से सांसद हैं। उनके एक अन्य भाई शिवगतुल्लाह अंसारी पूर्व विधायक हैं। गाजीपुर के भांवरकोल ब्लाक प्रमुख पद पर बीते 2 दशक से वही निर्वाचित होता था। जिसे अंसारी बंधुओं का आशीर्वाद प्राप्त होता था। समय का चक्र कुछ ऐसा बदला कि इस बार अंसारी बंधुओं का आशीर्वाद लेकर ब्लाक प्रमुख के लिए कोई मैदान में ही नहीं उतरा। नतीजतन, विधायक अलका राय की बहू श्रद्धा राय भाजपा से निर्विरोध ब्लाक प्रमुख चुनी गईं। इससे पहले जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में अंसारी बंधु़ कोई दम नहीं दिखा सके थे।