कोलकाता। HBCNews.in
पश्चिम बंगाल में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस बाबत जानकारी मिल रही है कि चुनाव आयोग 7 चरणों में पश्चिम बंगाल के चुनाव को करा सकता है। अप्रैल और मई की शुरूआत में चुनावों से गुजरने जा रहे चार राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश में केवल पश्चिम बंगाल ही एक एस राज्य है जो चुनाव आयोग के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
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वहां पर 2016 और 2011 के विधानसभा चुनाव 4 अप्रैल से 5 मई के दौरान छह चरणों में आयोजित किए गए थे. चुनाव आयोग के मुताबिक ‘संवेदनशील मतदान केंद्रों की संख्या बढ़कर 6400 हो गई है. मतदान केंद्रों की संख्या में भी इस मर्तबा 30,000 की बढ़ोत्तरी हुई है.’
माना जा रहा है कि प. बंगाल के साथ ही असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में भी विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। संभावना है कि केरल, तमिलनाडु , पुडुचेरी में एक ही चरण और असम में दो चरण में चुनाव होंगे। कहा तो यह भी जा रहा है कि कोविड-19 के प्रकोप के चलते चुनाव आयोग बिहार चुनावों के मॉडल को ही इस्तेमाल करेगा। हिंसक घटनाओं के साक्षी रहे प. बंगाल में कई चरणों में चुनाव शांतिपूर्ण, स्वतंत्र और निष्पक्ष कराने के लिए आवश्यक हैं।
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वहीं कोरोना महामारी के चलते भी लम्बे चरण की जरूरत महसूस की जा रही है। सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाओं को देखते हुए भी चुनाव आयोग का इरादा प. बंगाल के विधानसभा चुनाव 2021 जल्द कराने का है। चुनाव आयोग की मंशा 5 मई के पहले चुनाव प्रक्रिया को पूरा कर लेने की है। जबकि ममता के नेतृत्व वाली तृणमूल सरकार का कार्यकाल 30 मई को समाप्त हो रहा है।