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प्रधानमंत्री के वाराणसी दौरे से पहले हत्या और छात्रनेता राहुल राज की हत्या का प्रयास

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी आगमन से पहले बदमाशों और अराजकतत्वों ने जिले की कानून व्यवस्था को तगड़ी चुनौती दी है। मंगलवार की देर रात नगर क्षेत्र में वकालत करने वाले काशी विद्यापीठ के पूर्व उपाध्यक्ष को गोली मार कर हत्या का प्रयास किया गया। इससे पहले लोहता क्षेत्र में एक प्लंबर की हत्या कर उसके साथी की हत्या का प्रयास किया गया। इन सबसे पहले सुबह के समय कैंट रोडवेज पुलिस चौकी के समीप खड़ी एक बस में आग लगा कर फूंक दिया गया।

3 थानों की इन अलग-अलग घटनाओं से जुड़े आरोपी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सके हैं। एक दिन में कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाली इन 3 घटनाओं को लेकर पुलिस अफसरों में नाराजगी है। जिले के सभी थानेदारों को हिदायत दी गई है कि कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाली कोई घटना 15 जुलाई की शाम तक किसी भी सूरत में नहीं होनी चाहिए।

पूर्व छात्रनेता की हत्या का प्रयास किया गया

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और अधिवक्ता राहुल राज को मंगलवार की रात नदेसर स्थित उनके घर के समीप ऑटो सवार बदमाशों ने दौड़ा कर गोली मारी। राहुल की पीठ में दाएं तरफ गोली लगी है और उनकी हालत स्थिर बनी हुई है। यह वारदात तब हुई जब प्रधानमंत्री के आगमन के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था को चाकचौबंद करने के लिए पुलिस रात्रकालीन गश्त कर रही थी। राहुल को गोली किसने मारी, फिलहाल इसे लेकर राज बरकरार है। हालांकि राहुल का नाम पहले भी कई विवादों में सामने आ चुका है।

हत्या में 5 नामजद, 1 भी नहीं हुआ गिरफ्तार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वाराणसी आगमन से 3 घंटे पहले लोहता थाना के केराकतपुर गांव में गोली मारकर प्लंबर कन्हैया प्रजापति की हत्या कर दी गई। साथ ही कन्हैया के साथी इलियास की हत्या का प्रयास किया गया। कन्हैया के भाई दिलीप की तहरीर के आधार पर लोहता थाने के हिस्ट्रीशीटर अखिलेश सिंह सहित 5 नामजद और 1 अज्ञात के खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया गया। वारदात के 24 घंटे बाद भी पुलिस 1 भी नामजद आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी।

बस फूंकने वालों को नहीं चिह्नित कर पाई पुलिस

कैंट रोडवेज पुलिस चौकी से चंद कदम की दूरी पर बिहार के मोहनिया से आई एक प्राइवेट बस में मंगलवार की सुबह अराजकतत्वों ने आग लगा दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर आगमन से कुछ घंटे पहले हुई इस घटना के आरोपियों को गिरफ्तार करना तो दूर पुलिस 24 घंटे बाद भी उन्हें चिह्नित तक नहीं कर पाई है। इस वजह से सिगरा थाने की पुलिस की कार्यशैली गंभीर सवालों के घेरे में है।

पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने कहा कि कमिश्नरेट क्षेत्र की फायरिंग और बस में आग लगाने की घटना से संबंधित आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी का निर्देश सिगरा और कैंट थाने की पुलिस को दिया गया है। कानून व्यवस्था से जुड़े अहम मसलों में पुलिस की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उधर, एसपी ग्रामीण अमित वर्मा ने बताया कि लोहता थाना की घटना से संबंधित आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए क्राइम ब्रांच सहित पुलिस की 3 टीम लगाई गई है। पूरी उम्मीद है कि आरोपी जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होंगे।

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