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दो साल बाद वाराणसी में कृष्णलीला देखने के लिए जुटेंगे लोग, इस जन्माष्टमी पर बन रहा हर्षण का योग

वाराणसी। 30 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी है। ऐसे में कृष्ण के आगमन की तैयारी वाराणसी में शुरू हो चुकी है। पिछले साल कोरोना के कारण बनारस के कई मंदिरों से ऑनलाइन जन्माष्टमी का आयोजन हुआ था। भक्त अपने आराध्य के मंदिरों तक नहीं पहुंच पाए थे। इस जन्माष्टमी पर कृष्णलीला का आयोजन भी एक आकर्षण का केंद्र बनेगा। सबसे खास बात है कि इस जन्माष्टमी पर हर्षण योग बन रहा है, जिसमें जन्म लेने वाला व्यक्ति विजेता की तरह से जीवन जीता है। वह अपने जीवनकाल की चुनौतियों को आसानी से पार पा लेता है। वहीं, इस योग में किया गया कार्य दोगुनी से फल देता है। इस तरह से व्यक्ति को जन्म और कर्म दोनों प्रकार से यह योग शुभ बनाएगा।

जन्माष्टमी पर सुबह 7:47 बजे से सूर्यास्त तक बना रहेगा यह योग

काशी के विद्वानों के मतानुसार हर्षण योग श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर सुबह 7:47 बजे से सूर्यास्त तक बना रहेगा। हर्षण योग में किया गया कार्य आपको उन्नति और जीत की राह पर ले जाएगा और शत-प्रतिशत सुखद परिणाम देता है।

  • शैवों संप्रदाय श्रीकृष्णजन्माष्टमी 29 अगस्त को मनाएंगे।
  • वैष्णव द्वारा 30 अगस्त को मनाया जाएगा।
  • भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि 29 को रात्रि 11:25 बजे से आरंभ होगी।
  • 30 अगस्त को मध्यरात्रि 01: 59 बजे तक अष्टमी तिथि रहेगी।
  • रात 11:59 बजे से रात में ही 12:44 बजे तक पूजा का मुहुर्त

ज्योतिषी पं. वेदमूर्ति शास्त्री का कहना है कि रोहिणी युक्त अष्टमी तिथि 30 अगस्त को मध्यरात्रि में होगी। इसलिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का आयोजन उसी समय पर करना श्रेयस्कर और धर्मशास्त्र के अनुसार सही होगा। जन्माष्टमी की पूजा-अराधना के लिए सबसे सर्वश्रेष्ठ मुहुर्त 30 अगस्त की रात 11:59 बजे से शुरू होकर रात में ही 12:44 बजे तक रहेगा। वहीं, व्रत का पालन रोहिणी नक्षत्र समाप्त होने के बाद ही किया जाना चाहिए।

बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मोहरात्रि के रूप में स्थापित श्रीकृष्ण जन्माष्टमी इसी योग वजह से काफी खास और शुभ हो गई है। ग्रहमंडल में बनी विशेष परिस्थितियां कहती हैं कि कृतिका युक्त रोहिणी नक्षत्र और दिन सोमवार के संयोग से बन रहे इस हर्षण योग में दृढ़ प्रतिज्ञा लेकर प्रभु को स्मरण करने से मन में तय किए गए लक्ष्य की प्राप्ति हो समय से हो सकती है। ज्योतिष कहता है कि हर्षण योग सभी राशि के जातकों में शुभ और फल प्रदान करने वाला है।

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