वाराणसी। संत रघुवर नगर कॉलोनी में कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ. सपना गुप्ता दत्ता की हत्या कर थाने में सरेंडर करने वाले उनके देवर अनिल के अलावा ससुराल के अन्य लोग भी कार्रवाई के घेरे में आए हैं। डॉ. सपना के पति डॉ. अंजनी कुमार दत्ता ने अनिल के अलावा अपने 2 अन्य भाइयों, पिता और एक अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। उधर, पुलिस वारदात में वांछित अनिल के नौकर रौशन चौधरी को भी गुरुवार की सुबह गिरफ्तार कर ली। इसके साथ ही हत्या में अनिल के 2 भाइयों और पिता की भूमिका की जांच शुरू कर दी गई है।
मेरी और 2 बेटियों की भी हत्या करा देंगे
डॉ. अंजनी कुमार दत्ता ने पुलिस को बताया कि उनकी पत्नी डॉ. सपना का उनके भाई डॉ. आशीष कुमार दत्ता और अमित कुमार दत्ता के साथ पहले से विवाद चल रहा था। उसी विवाद की रांजिश में उनके दोनों भाइयों और उनके पिता कांग्रेस के पूर्व विधायक डॉ. रजनीकांत दत्ता ने अनिल व उसके साथी से उनकी पत्नी की हत्या कराई है। अब यह सभी मिलकर उन्हें और उनकी दोनों बेटियों की भी मरवा डालेंगे। इसलिए पुलिस सभी के खिलाफ उचित कार्रवाई करे।
1 रात पहले तय कर लिया था नहीं छोड़ूंगा अब
डॉ. सपना 21 जुलाई की दोपहर संत रघुवर नगर कॉलोनी स्थित अपनी क्लीनिक में थे। जिस मकान के भूतल में वह क्लीनिक संचालित करती थी, उसके ऊपर उनके ससुर और देवर सहित परिवार के अन्य लोग रहते हैं। सिगरा थाने में समर्पण करने वाले डॉ. सपना के देवर अनिल के अनुसार वह संत रघुवर नगर कॉलोनी स्थित अपने मकान से मां-बाप से बाहर निकल रहा था। उसी दौरान उसकी भाभी ने उसे और उसके 2 भाइयों को नपुंसक कहा तो वह बर्दाश्त नहीं कर पाया। वह क्लीनिक में घुसा और वहीं पड़े हथौड़े व कैंची से डॉ. सपना के चेहरे और सिर पर ताबड़तोड़ वार किया। वारदात को अंजाम देने में उसके मेडिकल स्टोर के नौकर बिहार के दरभंगा निवासी रौशन चौधरी ने भी साथ दिया था।
अनिल ने पुलिस को बताया कि संपत्ति विवाद में अपनी भाभी के आए दिन के गालीगलौज और मारपीट से वह आजिज आ गया था। मंगलवार को दोनों में झगड़ा हुआ था तभी उसने ठान लिया था कि अब यदि भाभी उसे दोबारा अपशब्द बोलेगी या विवाद करेगी तो वह उसे ठिकाने लगा देगा। बुधवार की दोपहर जैसे ही वह अपने मां-बाप से मिल कर निकला तो भाभी ने उसे नपुंसक कह कर उकसा दिया। यह सुनकर वह बर्दाश्त नहीं कर पाया और हत्या करने के बाद सीधे सिगरा थाने चला गया।
सारी संपत्ति अकेले हड़पना चाहती थी भाभी
अनिल ने पुलिस को बताया कि बैंक में जमा पिता की एफडी और अचल संपत्ति सहित लगभग 5 करोड़ रुपये से ज्यादा का माल भाभी अकेले हड़पना चाहती थी। इसी वजह से वह तीनों भाइयों के साथ ही हमारे मां-बाप से भी अकसर विवाद करती थी। इस संबंध में कई बार सिगरा थाने में शिकायत की गई थी। पुलिस आती थी और समझा कर चली जाती थी लेकिन भाभी के ऊपर कोई फर्क ही नहीं पड़ता था। सारी संपत्ति और बैंक में जमा पैसा धरा का धरा रह गया।
लापरवाही के आरोप में चौकी इंचार्ज लाइन हाजिर
डीसीपी वरुणा जोन विक्रांत वीर ने बताया कि इस प्रकरण में लापरवाही बरतने के आरोप में नगर निगम चौकी इंचार्ज हरिश्चंद्र वर्मा को लाइन हाजिर कर दिया गया है। वह इससे पहले भी दत्ता परिवार में झगड़े की सूचना पाकर मौके पर गए थे और समझाबुझाकर लौट आए थे लेकिन उसकी लिखापढ़ी नहीं की थी। अनिल और रौशन के अलावा मुकदमे के अन्य आरोपियों की भूमिका की जांच की जा रही है। जांच में सामने आए तथ्यों और साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।