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CMO रेफरल लेटर के बाद योगी सरकार ने अब वैक्सीनेशन में आधार कार्ड की बाध्यता का आदेश लिया वापस

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में वैक्सीनेशन करवाने के लिए राज्य का मूल निवासी होना अब जरुरी नहीं है। योगी सरकार ने बुधवार देर रात अपने इस विवादित फैसले को वापस ले लिया है। यानी अब वैक्सीनेशन के लिए आधार कार्ड का होना आवश्यक नहीं है। अब यूपी में निवास करने का कोई भी दस्तावेज देने पर वैक्सीनेशन होगा। यहां रहने वाले +18 आयु वर्ग के सभी लोग अपना और परिवार के सदस्यों का वैक्सीनेशन करा सकते हैं।

यह दूसरा मौका है जब योगी सरकार को अपना कोई आदेश वापस लेना पड़ा है। इससे पहले कोरोना संक्रमितों को किसी अस्पताल में भर्ती होने के लिए CMO (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) से रेफरल लेटर लिखवाना पड़ता था। लेकिन इस कागजी माथापच्ची और इलाज में देरी से तमाम लोगों की मौत हो गई। विपक्ष ने भी सरकार को घेरा तो सीधे भर्ती होने का फरमान जारी हुआ था।

NHM ने लिखा था लेटर- यूपी वालों को नहीं मिल रही वैक्सीन

दरअसल, नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) के डायरेक्टर ने योगी सरकार को एक लेटर लिखा था कि यूपी में बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो दूसरे राज्यों के रहने वाले हैं और अस्थाई रुप से प्रदेश में रह रहे हैं। इन लोगों ने 18 से 44 आयु वर्ग के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। जिसकी वजह से यूपी वालों को वैक्सीन नहीं पा रही है। इसके बाद योगी सरकार ने प्रदेश में वैक्सीनेशन के लिए यूपी का आधार कार्ड जरुरी कर दिया था।

इन दस्तावेजों को दिखाकर करा सकते हैं वैक्सीनेशन

इस आदेश पर विपक्ष ने विरोध जताया। वहीं, आम लोग भी सरकार को निशाना बनाने लगे। आखिरकार सरकार को अपना आदेश वापस लेना पड़ा। आदेश वापस लिए जाने के बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने बताया कि जो लोग उत्तर प्रदेश में रह रहे हैं वे निवास प्रमाण पत्र, किराया अनुबंध, लीज अनुबंध, बिजली का बिल दिलाकर अपना वैक्सीनेशन करा सकते हैं।

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