मुरादाबाद। बीएसए के आदेश जारी करने के बाद भी शिक्षकों को पगार नहीं मिल रही है। यहां 1052 प्राइमरी शिक्षक ऐसे हैं, जिन्हें पांच महीने से वेतन नहीं मिला है। बताया जा रहा है कि बीएसए ने तो साइन करके वेतन बिल भुगतान को लेखाधिाकरी के पास भेज दिया था, लेकिन लेखाधिकारी उस पर आब्जेक्शन पर आब्जेक्शन लगाए जा रही हैं। इससे शिक्षकों में गुस्सा पनप रहा है। प्राथमिक शिक्षक संघ कमिश्नर को ज्ञापन भी दे चुका है।
करीब पांच माह पहले प्रदेश में हुई 69000 शिक्षकों की भर्ती से मुरादाबाद जिले को 651 शिक्षक मिले थे। जिन्हें जनपद के अलग-अलग ब्लाकों में तैनात किया गया था। इनका वेतन नियुक्ति के पांच माह बाद भी नहीं मिला है। इसी तरह तीन माह पहले दूसरे जनपदों से स्थानांतरित होकर आए 413 शिक्षकों को अभी भी वेतन का इंतजार है। पारस्परिक तबादला स्कीम के तहत मुरादाबाद पहुंचे 88 शिक्षकों को भी तीन माह से वेतन नहीं मिला है। इनके अतिरिक्त जिले के करीब छह हजार शिक्षकों को अपनी मई की पगार का इंतजार है।
क्या है शासन का आदेश?
शासन का आदेश था कि गैर जनपद से तबादले पर आए शिक्षकों की पूर्व तैनाती जनपद से एलपीसी (लास्ट पेमेंट सर्टिफिकेट) आते ही उनका वेतन भुगतान शुरू कर दें। इसी तरह नई नियुक्तियों के मामले में यदि किसी शिक्षक का वेरिफिकेशन नहीं भी हुआ है तो उससे शपथ पत्र लेकर उसका वेतन शुरू कर दें।
हम समय से भेज चुके हैं वेतन बिल- बीएसए
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी योगेंद्र कुमार का कहना है कि हमारे स्तर से शिक्षकों का वेतन बिल समय से भुगतान के लिए भेजा जा चुका है। नई नियुक्ति, अंतर्जनपदीय तबादले और पारस्परिक तबादलों के मामले में भी हमने किसी का वेतन नहीं रोका है।
मेरी नई ज्वाइिनंग है, बिल ट्रेजरी भेज दिया है- लेखाधिकारी
लेखाधिकारी रूबी सिंह का कहना है कि उन्होंने कुछ दिन पहले ही यहां ज्वाइन किया है। पहले से उन्हें काफी बिल लंबित मिले हैं। जिन्हें वह अब शीघ्रता से निपटा रही हैं। लेखाधिकारी का कहना है कि उन्होंने शिक्षकों के वेतन बिल भी साइन करके ट्रेजरी को भेजे हैं।
हठधर्मिता पर हैं नई लेखाधिकारी- सर्वेश
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सर्वेश शर्मा का कहना है कि नई लेखाधिकारी हठधर्मिता कर रही हैं। संगठन ने वेतन भुगतान की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। तब मंडलायुक्त ने भी लेखाधिकारी को बुलाकर वेतन भुगतान के निर्देश दिए थे। लेकिन लेखाधिकारी 30 वर्ष से नौकरी कर रहे शिक्षकों से भी नियुक्ति की पत्रावलियां मांग रही हैं।