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प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर में अब दफन नहीं होंगे शव

प्रयागराज। प्रयागराज में पौराणिक महत्व के श्रृंगवेरपुर में अब शवों को गंगा किनारे नहीं दफनाया जा सकेगा। इस पर प्रशासन के साथ ही साथ राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने भी गंगा और उसकी सहायक नदियों के किनारे शव दफनाने व बहाए जाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। जिला प्रशासन ने श्रृंगवेरपुर में शवदाह गृह बनाने का फैसला किया है। इसके लिए राजस्व विभाग ने चार बिस्वा जमीन की तलाश भी कर ली है। फाफामऊ से विधायक विक्रमजीत मौर्य ने शासन को पत्र लिखकर श्रृंगवेरपुर में विद्युत शवदाह गृह बनाए जाने की मांग की थी। इस पर जिला प्रशासन ने काम शुरू कर दिया है।

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने प्रदेश की इकाइयों को लिखे गए पत्र में आदेश दिया है कि गंगा में शवों को प्रवाहित करने और किनारे पर दफनाए जाने पर तत्काल रोक लगाई जाए। इसके लिए निगरानी बढ़ाने को भी कहा गया है। मिशन के अधिशासी निदेशक डीपी मथुरिया की ओर से कहा गया है कि जो भी शव गंगा में बह रहे हैं उनका दाह संस्कार कराया जाए। इसका खर्च प्रदेश सरकार वहन करेगी।

शवों से कफन-रामनामी हटाने की जांच शुरू

उधर, श्रृंगवेरपुर में शवों के ऊपर से कफन, रामनामी और चुनरी हटाए जाने का मामला तूल पकड़ने के बाद जिला प्रशासन द्वारा गठित कमेटी ने जांच शुरू कर दी है। एडीएम व एसपी गंगापार ने घाट का दौरा किया और मामले की छानबीन शुरू कर दी है। जांच टीम ने वहां स्थानीय लोगों से पूछताछ की है। मौके का मुआयना भी किया। एक-दो दिन में जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी।

फाफामऊ में बढ़ा कटान का खतरा, बांस-बल्ली लगाईं

फाफामऊ में भी बड़ी संख्या में गंगा किनारे शवों को दफनाया गया है। बारिश होने और गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण कटान का खतरा हो गया है। कई शव गंगा के किनारे दफन किए गए हैं। ऐसे में मिट्टी धसकने पर वे गंगा में प्रवाहित हो जाएंगे। इसको देखते हुए नगर निगम ने बांस-बल्ली लगा दी है। इसके अलावा घाट पर दो जेसीबी लगाई गई हैं। निगरानी भी बढ़ा दी गई है।

एनजीटी की गाइडलाइन का पालन होगा

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की गाइडलाइन के अनुसार, गंगा में शव नहीं प्रवाहित किए जा सकते। इसके अलावा गंगा किनारे शवों को दफनाया भी नहीं जा सकता। बावजूद इसके गंगा किनारे हजारों शवों को दफना दिया गया था। इसके पीछे कारण जो भी रहा हो पर अब प्रशासन ने शवों का दाह कराने का फैसला किया है। जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी ने कहा कि एनजीटी की गाइडलाइन के अनुसार ही अब श्रृंगवेरपुर में दाह संस्कार होगा। शवों के दफनाए जाने पर रोक लगा दी गई है। शवदाहगृह के लिए जमीन भी तलाश ली गई है। जल्द ही यह बनकर तैयार हो जाएगा। इसके बाद बहुत कम शुल्क में गरीब लोग भी अपने परिजनों का रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार कर सकेंगे।

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