गाजियाबाद। कोरोना जैसी महामारी के दौर में लंबे वक्त से बंद पड़े स्कूलों में फीस निर्धारण के लिए यूपी के गाजियाबाद जिले से बड़ी मांग उठी है। गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने कहा है कि स्कूलों में फीस का निर्धारण ऑनलाइन क्लास के अनुसार होना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो दो लाख से ज्यादा बच्चों के पेरेंट्स को बड़ी राहत मिल सकती है।
स्कूलों में सुविधाओं का सच जानिये
- क्लास रूम स्टडी – बंद
- लाइब्रेरी – प्रयोग नहीं किया
- कम्प्यूटर – प्रयोग नहीं किया
- लैब एवं उपकरण – प्रयोग नहीं किया
- खेल के मैदान – प्रयोग नहीं किया
- बिजली – प्रयोग नहीं की
- पानी – प्रयोग नहीं किया
- एयर कंडीशन – प्रयोग नहीं किया
- स्पोटर्स एक्टिविटी – बंद
- ट्रांसपोर्ट – प्रयोग नहीं किया
ऑनलाइन एजुकेशन में पेरेंट्स का खर्चा
- इंटरनेट की सुविधा
- लैपटॉप/टैब/मोबाइल
- स्टडी टेबल कुर्सी
निजी स्कूलों ने यह किया
- शिक्षकों को निकाला – 50 फीसदी
- अन्य स्टाफ को निकाला – 50 फीसदी
- टीचर्स/स्टाफ की सेलरी – 50 से 60 फीसदी दी
पेरेंट्स एसोसिएशन रोजाना दे रही ज्ञापन
गाजियाबाद में सीबीएसई के 206 स्कूल हैं। इनमें करीब दो लाख बच्चे अध्ययनरत हैं। गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी ने बताया, स्कूल डेढ़ साल से बंद हैं। ऑनलाइन क्लास में आधी-अधूरी शिक्षा बच्चों को मिल रही है, जबकि स्कूल पूरी फीस वसूल रहे हैं। यह गलत है। फीस का निर्धारण भी बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं के अनुसार होना चाहिए। उन्होंने कहा, हम इस आवाज को आगे बढ़ाने के लिए अफसरों, नेताओं को लगातार ज्ञापन दे रहे हैं। एक ज्ञापन शुक्रवार को भी डीएम कार्यालय पर पेरेंट्स ने दिया है।
DIOS बोले- CBSE स्कूल एसोसिएशन से बात करेंगे
गाजियाबाद के जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) प्रदीप द्विवेदी ने बताया कि पेरेंट्स एसोसिएशन ने फीस निर्धारण के संबंध में उन्हें ज्ञापन दिया है। इस बारे में बेहद जल्द उच्चाधिकारियों और सीबीएसई स्कूल एसोसिएशन से बातचीत की जाएगी।