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प्रोटेस्ट करने वाले 12 भाजपा विधायक एक साल के लिए सस्पेंड

मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा का दो दिवसीय मॉनसूत्र सत्र सोमवार को हंगामे के साथ शुरू हुआ। इससे पहले भाजपा विधायकों ने निकाय चुनावों में आरक्षण, विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव जल्द करवाने, MPSC परीक्षा के लिए समिति गठित करने, मराठा आरक्षण और किसानों के मुद्दे पर जमकर प्रदर्शन किया। विधानभवन की सीढ़ियों पर बैठकर भाजपा विधायक लगातार नारेबाजी करते रहे और करीब आधे घंटे बाद सदन में दाखिल हुए।

सदन में दाखिल होने के बाद भी भाजपा विधायकों की नारेबाजी जारी थी और एक मौका ऐसा आया जब वे कार्यकारी विधानसभा अध्यक्ष भास्कर जाधव के सामने सत्तापक्ष के कुछ विधायकों से भिड़ गए। मामला इस कदर बढ़ा कि मौके पर मार्शल को बुलाना पड़ा। आरोप है कि इन विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के साथ धक्कामुक्की भी की। इस घटना को लेकर भास्कर जाधव ने सदन में नाराजगी जताई और संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब ने 12 भाजपा विधायकों को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया। यह प्रस्ताव बहुमत से पारित हो गया और बीजेपी के 12 विधायकों को एक साल के लिए सस्पेंड कर दिया गया।

जिन विधायकों को सस्पेंड किया गया है उनमें पराग अलवानी, राम सतपुते, संजय कुटे, आशीष शेलार, अभिमन्यु पवार, गिरीश महाजन, अतुल भटकलकर, शिरीष पिंगले, जयकुमार रावल, योगेश सागर, नारायण कुचे और कीर्तिकुमार भंगड़िया शामिल हैं। मानसून सत्र में सरकार इस बार कुल तीन प्रस्ताव लाने जा रही है। इसमें कृषि कानूनों का विरोध, मराठा आरक्षण के मुद्दे पर केंद्र के हस्तक्षेप और राजनीति में OBC का आरक्षण शामिल है।

MPSC परीक्षा के लिए समिति गठित की जाएगी

मॉनसून सत्र से ठीक पहले पुणे के एक युवक के आत्महत्या किए जाने से महाविकास आघाड़ी सरकार के लिए बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। स्वप्निल लोनकर नाम के युवक ने दो साल पहले महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग (MPSC) की परीक्षा पास कर ली थी, लेकिन अभी तक इंटरव्यू और नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। हताशा में उसने आत्महत्या कर ली। इस परीक्षा को लेकर राज्य सरकार अब एक समिति गठित करने वाली है। यह एक रिपोर्ट तैयार करके सरकार को सौंपेगी।

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