वाराणसी। सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के कुलपति आचार्य राजाराम शुक्ल के द्वारा बनाये गये चयन समिति ने 2021 वर्षीय पं•शम्भुनाथ मिश्र स्मृति सम्मान पुरस्कार के लिये देश के प्रसिद्ध वेदाचार्य आचार्य पं गणेश्वर शास्त्री “द्राविण” जी का चयन किया है।
वेद-वेदांगादि शास्त्रमर्मज्ञ राष्ट्रीय पण्डित पुरस्कार एवं गौरव सम्मान से सम्मानित ख्यातयशस्क पं गणेश्वर शास्त्री “द्राविण” के पितृकुल में हुआ।पं•गणेश्वर शास्त्री जी का जन्म 09 दिसंबर 1958 को रामनगर,वाराणसी में माता स्व•सौ•जयलक्ष्मी एवं स्व•पण्डितराज राजेश्वर शास्त्री द्राविण के पितृ कुल में हुआ। आचार्य द्राविण पद्मभूषण पण्डितराज राजेश्वर शास्त्री”द्राविण”(पिता जी),राष्ट्र पण्डित श्री रामचन्द्र शास्त्री होसमने,विद्याभूषण गणपति शास्त्री हेब्वार,पद्मभूषण पट्टाभिराम शास्त्री,वेदमूर्ति गणेशभट्ट बापट आदि के गौरवशाली आचार्य परम्परा के योग्यतम शिष्य पं गणेश्वर शास्त्री ने अपनी ज्ञानराशि से शताधिक छात्रों को विद्वान बनाया जिनमे अनेकों वेद पण्डित,सन्त-महात्मा भी शामिल हैं। लगभग चार दशकों की अपनी शैक्षणिक यात्रा में अध्ययन-अध्यापन एवं संचालन के क्रम में श्री बल्लभराम शालिगराम सान्ग्वेद विद्यालय,रामघाट,वाराणसी से आपका घनिष्ठ सम्बंध है। पं शास्त्री जी ने विभिन्न गोष्ठियों में विशिष्ट व्याख्यान देकर सभी को अपनी तरफ आकर्षित कर लिये। आपको उत्तर प्रदेश,महाराष्ट्र,कर्नाटक एवं अन्य प्रदेशों से अनेकों सम्मान एवं उपाधि से अलंकृत होते रहे हैं। पण्डित गणेश्वर जी ने रामेश्वरम् के एतिहासिक “रामसेतु” की रक्षा के लिये अपेक्षित प्रमाणों का सर्वोच्च न्यायालय में उपस्थापन किये तथा वर्तमान प्रधानमंत्री मा श्री नरेंद्र मोदी द्वारा अयोध्या में किये गये राम मन्दिर के शिलान्यास के प्रसंग में शास्त्रीय सूक्ष्म मुहूर्त का प्रदान और उस पर आये आक्षेपों का सप्रमाणन निराकरण कराया। आप विभिन्न धार्मिक एवं शैक्षिक संगठनों के विभिन्न पदों को भी सुशोभित करते हुये संस्कृत,संस्कृति की परम्परा के संरक्षण एवं संवर्धन में सतत संलग्न हैं।63 वर्ष की अवस्था में भी आप निरंतर शिष्य समुदाय व शास्त्र जिज्ञासुओं को कृतार्थ कर रहे हैं।पं गणेश्वर शास्त्री को इसी शास्त्रसमाराधना एवं समर्पण हेतु वर्ष 2021 का पं शम्भुनाथ मिश्र स्मृति सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।