कानपुर। पहाड़ों पर हुई जोरदार बारिश का असर मैदानी क्षेत्रों में गंगा के प्रवाह पर दिखने लगा है। बीते 10 दिनों में तेजी से गंगा का जलस्तर बढ़ा है। सिंचाई विभाग और प्रशासन ने गंगा किनारे गांवों को अलर्ट कर दिया है। वहीं 24 घंटे निगरानी की जा रही है। सोमवार को शहर में गंगा 113 मीटर के स्तर पर बहती रही। जबकि चेतावनी बिंदु 114 मीटर पर है। उन्नाव के शुक्लागंज में भी पानी 111.45 मीटर तक पहुंच गया है। चेतावनी बिंदु 113 मीटर पर है।
हरिद्वार से ज्यादा डिस्चार्ज
हरिद्वार से सोमवार को 74 हजार 874 क्यूसेक, नरौरा से 41 हजार 850 क्यूसेक और कानपुर के गंगा बैराज से 1 लाख 29 हजार 254 क्यूसेक पानी गंगा की धारा में छोड़ा गया। इतनी भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने का असर यह हुआ कि गंगा बैराज के अटल घाट समेत कई घाटों पर पानी सीढ़ियों के ऊपर तक आ गया।
इन गांवों को किया गया अलर्ट
गंगा कटरी के रमेल नगर, बाकरगंज, ईश्वरीगंज, हृदयपुर, ख्योरा, कटरी, भगवानदीन पुरवा, भोपाल पुरवा, हिंदूपुर, शिवदीन पुरवा समेत दर्जनों गांवों को अलर्ट जारी कर दिया गया है। वहीं 13 बाढ़ चौकियों से भी सतर्क निगरानी की जा रही है।
113 मीटर पर जलस्तर स्थिर
गंगा की अपस्ट्रीम में पानी का स्तर 113 मीटर पर स्थिर रहा, लेकिन सुबह से शाम के बीच डाउनस्ट्रीम में जलस्तर में काफी अंतर आ रहा है। सुबह डाउनस्ट्रीम 112.48 मीटर और शाम को 112.60 मीटर पर था। शुक्लागंज में भी सुबह पानी का स्तर 111.37 मीटर और शाम को 111.45 मीटर पर था।
बिठूर में ब्रहृमा खूंटी डूबी
नरौरा बांध से 74 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इसके चलते बिठूर में गंगा का जलस्तर बढ़ गया है। तेजी से बढ़ते जलस्तर की वजह से बिठूर में ब्रहृमावर्त घाट स्थित ब्रहृमा मंदिर की ब्रहृमा खूंटी भी डूब गई।