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मौत को मात देने वाले अर्जुन की आपबीती

दिल्ली। अर्जुन उन खुशनसीबों में से एक हैं, जो 5 दिन पहले हिमाचल के कुल्लू में अचानक बादल फटने से हुई तबाही में जिंदा बच निकले थे। इस हादसे में उनकी बिजनेस पार्टनर और दोस्त गाजियाबाद की विनीता चौधरी अभी भी लापता हैं। विनीता ने अर्जुन को ब्रह्मगंगा नाले में आए अचानक सैलाब से बाहर निकाल लिया था, लेकिन वह खुद बह गईं। अर्जुन सैलाब के साथ आए पत्थरों से टकराकर घायल हुए थे। उनका इलाज हुआ। अब ठीक हैं। लेकिन जिंदगी-मौत को करीब से देख चुके अर्जुन अभी भी गुमसुम हैं। उनकी आंखों के सामने वह भयावह मंजर अभी भी तैर रहा है, जो कुछ उन्होंने कुल्लू में झेला।

दिल्ली में राजेंद्र नगर के रहने वाले अर्जुन से बात की। वे कहते हैं कि 28 जुलाई की सुबह साढ़े पांच बज रहे थे। उनकी दोस्त और रिसॉर्ट मैनेजर मॉर्निंग वॉक कर रही थीं। शायद ब्रह्मगंगा नाले में आई बाढ़ के पानी की तेज आवाज को वह सुन चुकी थीं। इसलिए इतना जल्दी उठ गई थीं।

उस वक्त कैंपिंग साइट में करीब 30 से ज्यादा लोग सो रहे थे। विनीता ने सभी कमरों के दरवाजे नॉक किए और अंदर सो रहे पर्यटकों को जगाया। उन्हें जल्द से जल्द रिसॉर्ट छोड़कर भागने के लिए कहा। ज्यादातर पर्यटक वहां से निकल चुके थे। इसी दौरान पानी का एक सैलाब रिसॉर्ट के ऊपर आ गया। पानी के सैलाब में रास्ते में टेंट, गाड़ी, रिसॉर्ट जो कुछ आए तो तिनके की मानिंद बहने लगे।

हाथ छूटा और दोनों बह गए

अर्जुन आगे बताते हैं कि वह अपनी बिजनेस पार्टनर विनीता चौधरी का हाथ पकड़कर भाग रहे थे। पानी गिरने से उनका पैर फिसला और दोनों का हाथ छूट गया। दोनों जमीन पर गिर गए और पानी के तेज बहाव में बह गए। अर्जुन के हाथ में एक पाइप आ गया। वह उसे थामे रहे। कुछ देर में स्थानीय लोगों ने पकड़कर उन्हें खींच लिया। विनीता कहां-किधर बह गईं, कुछ पता नहीं चला। पैर फिसलने से अर्जुन को सिर में चोट लगी। उन्हें इतना याद है कि जब स्थानीय लोगों ने उन्हें बचाया। इसके बाद करीब पांच घंटे तक बेहोश रहे। आंख खुली तो चंडीगढ़ पीजीआई में थे।

ब्रह्मगंगा नाले की ‘C’ शेप पर है रिसॉर्ट

अर्जुन के अनुसार, कुल्लू की पार्वती वैली में ‘कसौल हाइट्स’ नाम से उनका रिसॉर्ट है। विनीता चौधरी यहां बतौर मैनेजर कार्यरत थीं। अर्जुन उनके बिजनेस पार्टनर हैं। ब्रह्मगंगा नाला जहां ‘C’ शेप में आता है, उसी के मोड़ पर यह रिसॉर्ट है। अर्जुन ने बताया कि कई बार बाढ़ आई। लेकिन उसका पानी ‘C’ शेप में बहता हुआ रिसॉर्ट के बराबर से निकल गया। इस बार बादल फटा तो एक साथ बहाव आया। पानी का बहाव इतना तेज था कि वह मुड़ नहीं पाया और पत्थरों से टकराकर रिसॉर्ट के ऊपर आ गया। टनों वजनी पत्थर बहते हुए आ गए। इनसे रिसॉर्ट को भी भारी नुकसान पहुंचा है।

तीन दिन कुल्लू में रहकर परिजन लौटे

25 साल की विनीता चौधरी उप्र के गाजियाबाद जिले में लोनी थाना क्षेत्र स्थित निस्तौली गांव की रहने वाली हैं। वह इस रिसॉर्ट में बतौर मैनेजर कार्यरत थीं। 25 जून को विनीता कुल्लू गई थीं। परिजनों की आखिरी बार 27 जुलाई को फोन पर विनीता से बातचीत हुई थी। 28 जुलाई को विनीता को गाजियाबाद लौटना था। उन्हें दिल्ली सबऑर्डिनेट सलेक्शन बोर्ड का पेपर देना था।

गाजियाबाद लौटने वाली सुबह ही कुल्लू में प्रलय आ गई। विनीता के पिता विनोद चौधरी बुलंदशहर में शिक्षक हैं। परिवार के चार सदस्य तीन दिन तक कुल्लू में रहे। रेस्क्यू टीमों के साथ सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन थक-हारकर लौट आए। परिजनों का कहना है कि उन्हें अभी भी विनीता के लौटने की उम्मीद है।

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