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धर्मांतरण का मुद्दा इस्लाम को बदनाम करने की कोशिश- जनरल सेक्रेटरी यासूब

लखनऊ। ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक सोमवार को लखनऊ में शुरू हो गई है। बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि कुछ लोग धर्मांतरण की आड़ में इस्लाम को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि इस्लाम धर्म में कोई भी जोर जबरदस्ती नहीं है। किसी को जबरदस्ती मुसलमान नहीं बनाया जा सकता। मोहम्मद साहब ने भी किसी को जबरदस्ती कलमा नहीं पढ़वाया।

उन्होंने कहा कि इंसान अपनी मर्जी से अगर इस्लाम धर्म अपनाता है तब तो वह मुसलमान है। जोर जबरदस्ती किसी लालच या दबाव में अगर कोई किसी को मुसलमान बनाए तो यह इस्लाम के खिलाफ है। वहीं, मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि यूपी सरकार को जनसंख्या नियंत्रण कानून पर दोबारा गौर करना चाहिए। आपसी भाईचारे और मेल-मिलाप पर ज्यादा जोर देना चाहिए। लोगों में शिक्षा के प्रति जागरूकता पैदा करनी चाहिए।

वसीम रिजवी के जरिए कुरान की तौहीन की जा रही है। वह बिल्कुल गलत है। बोर्ड इसकी निन्दा करता है और वसीम रिजवी का बायकॉ करता है। इस्लाम धर्म में जो बातें मोहम्मद साहब बता गए हैं या कुरान में जितनी आयतें और सूरे हैं। वह कयामत तक बदले नहीं जा सकते न ही उनमें कमी की जा सकती है।

मेंटनेंस नहीं हुआ तो लखनऊ की पहचान खत्म हो जाएगी

मौलाना यासूब अब्बास ने हुसैनाबाद ट्रस्ट के अन्तर्गत आने वाली इमारतों की जर्जर हालत पर भी नाराज़गी जताई। कहा कि यह धार्मिक इमारते हैं जिनकी हालत बहुत जर्जर है। अगर इन पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह बर्बाद हो जाएंगी।

लखनऊ की पहचान भी इन इमारतों से है। लखनऊ में इमामबाड़े, दरगाहें, करबले दुनिया भर में मशहूर हैं। अगर इनका ही अस्तित्व ख़त्म हो जाएगा तो लखनऊ की पहचान मिट जाएगी। इसलिए सरकार, जिलाधिकारी, चेयरमैन हुसैनाबाद ट्रस्ट, लखनऊ, हुसैनाबाद ट्रस्ट के ज़िम्मेदार इस ओर ध्यान दें। जर्जर इमारतों की मरम्मत कराएं। बैठक में बोर्ड के उपाध्यक्ष, मौलाना जाहिद अहमद रिज़वी, डॉ मोहम्मद रजा, मौलाना जाफर अब्बास, मौलाना रजा अब्बास, मौलाना एजाज अतहर आदि शामिल रहे।

यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर होगी चर्चा

यूपी में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में चर्चा हो सकती है। कहा जा रहा है कि शिया समुदाय इस बैठक में यह तय कर सकता है कि 2022 के लिए उनके मुद्दे क्या होंगे? कौन सा सियासी दल उनके मुद्दों को उठाएगा? शिया पर्सनल लॉ बोर्ड चाहता है कि सरकार सच्चर समिति की तर्ज पर शिया मुसलमानों की आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक स्थिति के अध्ययन के लिए अलग से कोई समिति गठित करे। समिति शिया समुदाय के हालात का सर्वेक्षण करके उन्हें उनकी आबादी के हिसाब से हक दे।

कुरान की तौहीन करने वालों के बायकॉट का भी हो सकता है ऐलान

ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में कुरान की तौहीन करने वालों को बायकाट करने पर चर्चा हो सकती है। कहा जा रहा है कि शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी जैसे लोग लगातार कुरान को लेकर जिस तरह का भ्रम फैला रहे हैं, शिया समुदाय ऐसे लोगों का बायकॉट करना चाहता है। संभव है कि कल की बैठक में इसको लेकर कोई बड़ा ऐलान भी हो सकता है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के अध्यक्ष जनरल सेक्रेटरी मौलाना यासूब अब्बास का कहना है कि शिया मुसलमान अल्पसंख्यकों में भी अल्पसंख्यक हैं। देश में उनकी आबादी लगभग पांच फीसदी ही है। लिहाजा इनकी समस्याओं को लेकर चर्चा करना बैठक का मकसद है।

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