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वाराणसी में सीवेज का आंकलन किए बगैर ही बना दिए रमना एसटीपी

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ गंगा मिशन को वाराणसी में जल निगम की गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के अफसर पलीता लगा रहे हैं। अफसरों की लपरवाही और सही से मॉनिटरिंग न करने के कारण असि नदी
के सीवेज को शोधित करने के लिए बनाए गए रमना एसटीपी का निर्माण कार्य समय से पूरा नहीं हुआ। फिर जब एसटीपी की क्षमता की जांच शुरू की गई तो पता लगा कि वह ओवरलोड है। इस बड़े घालमेल की जांच अब वाराणसी के मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल करेंगे और संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेजेंगे।

आंकलन था 50 एमएलडी का और मिला 60 एमएलडी से ज्यादा सीवेज

साल 2015 में शुरू हुआ रमना एसटीपी का काम बीते मार्च महीने में पूरा किया जाना था लेकिन प्रोजेक्ट से संबंधित कुछ छोटे काम अभी भी शेष रह गए हैं। एसटीपी की जब डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाई गई थी तो आंकलन किया गया था कि साल 2030 तक सीवेज लोड 50 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) रहेगा। बीते जून महीने में जब एसटीपी के लोड का परीक्षण किया गया तो सीवेज लोड 60 एमएलडी से ऊपर पाया गया। सीवेज लोड का कम आंकलन एसटीपी बनाने के उद्देश्य को ही विफल कर देगा।

इस तरह से यह स्पष्ट है कि जिन अफसरों ने सीवेज लोड का आंकलन किया था और जो प्रोजेक्ट का डीपीआर तैयार किए थे, उन्होंने अपनी भूमिका का सही तरीके से निर्वहन नहीं किया। मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया कि रमना एसटीपी की जमीनी हकीकत जानने के बाद मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के लिए एक रिपोर्ट भेजने को कहा है।

निकलता है 400 एमएलडी सीवेज, हैं 360 एमएलडी के एसटीपी

साल 2014 में वाराणसी से सांसद चुने गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार की बागडोर संभालने के बाद ही स्वच्छ गंगा मिशन के लिए काम शुरू कर दिया था। उस समय गंगा कार्य योजना चरण- I के तहत शहर में रोजाना निकलने वाले लगभग 400 एमएलडी सीवेज के मुकाबले सिर्फ 100 एमएलडी (दीनापुर में 80 एमएलडी, भगवानपुर में 10 एमएलडी और बीएलडब्ल्यू में 10 एमएलडी) के तीन एसटीपी थे।

प्रधानमंत्री के प्रयास से साल 2019 तक दीनापुर और गोइठहां में 140 एमएलडी और 120 एमएलडी की क्षमता वाले एसटीपी का काम त्वरित गति से पूरा किया गया। इस तरह से अब वाराणसी के एसटीपी की क्षमता 360 एमएलडी की हो गई है। रामनगर में 10 एमएलडी की क्षमता का एसटीपी निर्माणाधीन है। वहीं, रमना एसटीपी का निर्माण कार्य सवालों के घेरे में है।

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