लखनऊ। उत्तर प्रदेश के दो करोड़ बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर है। प्रदेश में बिजली के दाम बढ़ाने का प्रस्ताव खारिज हो सकता है। मतलब फिलहाल प्रदेश में बिजली के दाम नहीं बढ़ने जा रहे हैं। सोमवार यानी आज हुई नियामक आयोग की सुनवाई ने कुछ इसी ओर इशारा किया। सुनवाई में आयोग ने बिजली कंपनियों को फटकार भी लगाई। सुनवाई के दौरान आयोग ने कहा कि इस दौरान जहां सारे कामकाज, उद्योग और बाजार ठप पड़े हैं, ऐसे समय में बिजली के दाम बढ़ाना कितना सही है?
19 मई को हो सकता है फैसला
कंपनियों ने 12% तक बिजली के दाम बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया था। इस मामले में नियामक आयोग में 19 मई को फिर से सुनवाई होनी है। बताया जाता है कि इसमें आखिरी फैसला हो सकता है। सोमवार को सुनवाई के दौरान राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष आरपी सिंह ने बिजली कंपनियों पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि उपभोक्ता परिषद 19 हजार 537 करोड़ के एवज में बिजली दर कम करने की बात कर रहा है। इसलिए उसको रोकने के लिए बिजली कंपनियां नियम विरुद्ध रेग्यूलेटरी सरचार्ज का प्रस्ताव लेकर आ गई हैं। सुनवाई के दौरान पश्चिमांचल, दक्षिणांचल और केस्को बिजली कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ उपभोक्ता संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
कपंनियों के एमडी पर कार्रवाई की मांग
सुनवाई के दौरान राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि रेग्युलेटरी सरचार्ज बढ़ाने का प्रस्ताव नियम विरूद्ध है। इसलिए बिजली कंपनियों के एमडी पर कार्यवाही होनी चाहिए। उन्होंने बढ़ोतरी के बजाय दरों में 25 प्रतिशत की कमी किए जाने की मांग उठाई।
परिषद अध्यक्ष ने कहा कि अगर कंपनियां एक बार में कमी नहीं कर सकतीं तो उन्हें 3 साल तक 8-8 प्रतिशत की कमी दरों में करनी चाहिए। उपभोक्ता परिषद ने कहा जब नियामक आयोग ने 11.08 वितरण हानियां बिजनेस प्लान में अनुमोदित की तो बिजली कम्पनियां कैसे 16.64 प्रतिशत लेकर आ गयीं। यह जांच का मामला है।
महंगी बिजली खरीद की हो जांच
मौजूदा समय प्रदेश में 16 प्रति यूनिट से लेकर 25 रुपये प्रति यूनिट तक बिजली खरीद की गई। परिषद ने इतनी महंगी बिजली खरीद की जांच करने की मांग उठाई है। सुनवाई के दौरान सौरभ श्रीवास्तव, योगेश अग्रवाल ने क्रास सब्सिडी और रेग्यूलेटरी सरचार्ज न बढाने पर अपनी बात रखी। धीरज खुल्लर ने इण्डस्ट्री की तरफ से बुन्देलखण्ड को एक पैकेज देने की मांग रखी। मनोज कुमार गुप्ता ने प्री पेड मीटर की अधिक दरों को कम करने का मुददा उठाया।