न्यूयॉर्क। युनाइटेड नेशंस में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने कहा कि यूएनजीए में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे प्रतीक्षित नेता हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमेशा उन मुद्दों को उठाया है जोकि दुनिया के सबसे अहम हैं साथ ही जिसकी भारत के लिए भी महत्ता है। त्रिमूर्ति ने कहा कि जैसा की आप जानते हैं कि पीएम मोदी 25 सितंबर को यूएनजीए के 76वें सत्र को संबोधित करेंगे। बता दें कि यूएनजीए के 76वें सत्र की शुरुआत 14 सितंबर को हुई है जिसमे उच्च स्तरीय बैठकें कल से शुरू होंगी।
त्रिमूर्ति ने बताया कि अमेरिका में महामारी की स्थिति में सुधार हुआ है और टीकाकरण के अभियान को चलाया गया है। जिसकी वजह से यूएन ने 76वें सत्र को कराने का फैसला लिया है। महामारी का मानवीय जीवन पर काफी असर हुआ है, ऐसे में इससे हुए वैश्विक आर्थिक नुकसान और सुस्त अर्थव्यवस्था को लेकर भी यूएन में चर्चा हो सकती है। साथ ही यूएन में आतंकवाद जैसे मुद्दों को भी उठाया जा सकता है। हाल ही में जिस तरह से अफगानिस्तान में घटनाक्रम हुआ है उसपर भी चर्चा संभावित है।
यूएनजीए की सम्मेलन में आतंकवाद का मुद्दा अहम रहने वाला है। त्रिमूर्ति ने कहा कि आतंकवाद की बात करें तो भारत ने हमेशा से ही इसके खिलाफ एकजुट होने की बात करता आया है। आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक नीति को बनाने में हमारी भूमिका काफी अहम रही है। हमने आतंकवाद के खिलाफ नीति को बनाने का पहले भी काम किया है और आगे भी करते रहेंगे। अफगानिस्तान को लेकर त्रिमूर्ति ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने पहले ही स्थिति को साफ कर दिया है। एससीओ समिट में पीएम ने कहा कि था कि अफगानिस्तान में हर वर्ग के प्रतिनिधित्व पर जोर दिया था। जिसमे महिलाएं और अल्पसंख्यक भी शामिल हैं। इसके साथ ही हमे रीजनल एंटी टेररिस्ट स्ट्रक्चर पर काम करने की जरूरत है। त्रिमूर्ति ने कहा कि अफगानिस्तान गंभीर मानवीय संकट से गुजर रहा है, यहां आतंकवाद और कट्रटर विचारधारा, अनियंत्रित ड्रग्स की सप्लाई, अवैध हथियार अहम चुनौती है।