वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बाढ़ के हालात की विस्तृत जानकारी बुधवार को जिला प्रशासन से फोन पर ली। इस दौरान उन्होंने पीड़ितों को हर सम्भव मदद दिलाने का आश्वासन दिया। इस समय यूपी के कई जिलों में नदियां उफान पर हैं।
गंगा और यमुना का भी जल स्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है। सोमवार को प्रयागराज में दोनों नदियों के खतरे के निशान से ऊपर बहने के चलते प्रशासन ने हाई अलर्ट घोषित कर दिया और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के परिवार को बाहर निकालना शुरू कर दिया। भारतीय वायुसेना ने उत्तर प्रदेश के जालौन जनपद में बाढ़ राहत के लिए तीन हेलीकाप्टर तैनात किए हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी बाढ़ से हालात खराब हैं। वाराणसी में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसका जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बाढ़ की वजह से शहर से लेकर गांवों तक स्थिति विकराल है। वाराणसी में 41 गांवों और 17 मोहल्लों बाढ़ का पानी घुस गया है। काशी में गंगा का जलस्तर 1.4 सेंमी प्रति घंटा की औसत दर से लगातार बढ़ रहा है। आशंका है कि इस बार 2013 जैसे बाढ़ के हालात होंगे। वहीं उधर पूर्वांचल के मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर और बलिया में गंगा का पानी सैकड़ों गांवों में घुस गई है। बलिया-गाजीपुर मार्ग समेत कई अहम रास्तों पर बाढ़ के कारण आवागमन बंद हो गया है। वहीं घाघरा नदी भी आजमगढ़, मऊ और बलिया में ऊफान पर है। जौनपुर में गोमती नदी का जलस्तर भी बढ़ाव पर है।