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मदरसों को बंद कर आधुनिक स्कूल खोले जाएं, देश को नए संविधान की जरूरत है- स्वामी यतींद्रानंद गिरि

हरदोई। उत्तर प्रदेश में इन दिनों धर्मांतरण एक बड़ा विषय बना हुआ है। सरकार से लेकर पुलिस व प्रशासनिक अफसर सब इसी गुत्थी में उलझे हुए हैं। इसी बीच जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरि ने देश के मदरसों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि देश के सभी मदरसों को बंद कर दिया जाना चाहिए। इन मदरसों को आधुनिक शिक्षा के स्कूलों में कनवर्ट कर देना चाहिए। इससे धर्मांतरण का अभिषाप भी समाप्त हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अब देश को नए संविधान की जरूरत है। हम वर्षों पुराना संविधान कब चलाएंगे।

हरदोई में एक आयोजन में पहुंचे थे महामंडलेश्वर

हरदोई जिले के बाल विद्या भवन स्कूल में आयोजित प्रेस वार्ता में जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्र आनंद गिरि ने कहा कि धर्मांतरण एक अभिशाप के रूप में पनप रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की गायों की रक्षण की नीति सही है लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के चलते गोवंश सड़कों पर घूम रहे हैं। स्वामी यतीन्द्रानन्द गिरि ने कहा कि उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण एक अभिशाप के रूप में पनप रहा है, जिसे रोकने के लिए सर्वप्रथम भारत के सभी मदरसों को बंद कर उनमे बेसिक शिक्षा के आधार पर शिक्षा दी जानी चाहिए। जिससे देश व समाज का विकास हो।

मौलवियों की संपत्ति की जांच की जानी चाहिए

उन्होंने कहा कि मदरसों में शिक्षा देने वाले मौलवियों के सम्पत्ति की जाँच होनी चाहिए। क्योंकि उनके पास इस्लामिक राष्ट्रों से अकूत धन आता है, जिसके द्वारा भारत में बहुत ही तीव्रगति से धर्मांतरण के कार्य को सफल किया जा रहा है।

पुराना संविधान कब तक चलता रहेगा

भारत सरकार नया संसद भवन निर्माण कराने जा रही है, नया संसद भवन बनाना आवश्यक है उसके लिए सरकार को बधाई किंतु आज देश को एक नए संविधान की भी आवश्यकता है। हम पुराने संविधान को लेकर कब तक चलेंगे जो संविधान संशोधन करते-करते तार तार ,जर्जर हो चुका है। आज आवश्यकता है कि सनातन हिंदू संस्कृति परंपराओं के अनुरूप एक नए संविधान नए संसद भवन का उद्धघाटन नए संविधान के साथ होना चाहिए, ऐसी भारत के साधु संतों की सरकार से मांग है। स्वामी यतीन्द्रानन्द गिरि ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने गाय के रक्षण व संरक्षण के लिए पहले से ही गम्भीर एवं सक्रिय रहे है।वर्तमान में उनके द्वारा प्रदेश के सभी जनपदों में पशु आश्रय केंद्र गौशालयें संचालित की गई लेकिन प्रशासन की लचर नीति के कारण गौवंश आज सड़कों पर आवारा घूम रहे है।

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