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4 माह से जेल में बंद हत्यारोपी मंथन की जमानत नामंजूर

झांसी। बुंदेलखंड डिग्री कॉलेज में 4 माह पहले हुए डबल मर्डर केस में आरोपी मंथन सिंह सेंगर को कोर्ट से झटका लगा है। जिला जज की कोर्ट ने मंथन की जमानत नामंजूर कर दी है। मंथन सिंह ने फरवरी माह में क्लासरूम में पढ़ रहे अपने एक सहपाठी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद एक लड़की के घर पहुंचकर उसे गोली मार दिया था। उस वक्त उसे भागते वक्त भीड़ ने पकड़ लिया था। खंभे से बांधकर पिटाई की थी। तब से वह जेल में बंद है।

जिला शासकीय अधिवक्ता मृदुल कांत श्रीवास्तव के बताया कि डबल मर्डर के आरोपी मंथन सिंह सेंगर पुत्र दिनेश सिंह ने जिजा जज के कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी। जिसका उन्होंने विरोध करते हुए कहा कि अपराध अत्यंत ही गंभीर प्रकृति का है, जिसमें आवेदक/ अभियुक्त को जमानत पर मुक्त किया जाना न्यायसंगत नहीं है। जिस पर न्यायालय द्वारा उसकी जमानत निरस्त कर दी है।

ब्लैक बोर्ड पर दिल बनाया, लिखा था- मंथन फिनिश

दरअसल, मथुरा जिले के थाना शेरगढ़ के जटवारी गांव निवासी हुकुमेंद्र सिंह बुंदेलखंड डिग्री कॉलेज में मनोविज्ञान विषय से पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहा था। वह अंतिम वर्ष का छात्र था। 20 फरवरी की दोपहर वह अपने क्लासरूमें बैठकर पढ़ रहा था। उस वक्त क्लासरूम में छह छात्र थे। इसी बीच मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले का रहने वाला छात्र मंथन सिंह सेंगर क्लासरूम में पहुंचा। उसने ब्लैक बोर्ड पर एक दिल बनाया। इसके बाद लिखा कि मंथन फिनिश और छात्रों के पीछे जाकर बैठ गया। कुछ देर बाद उसने तमंचा निकालकर हुकुमेंद्र के सिर में गोली मार दी। इसके बाद मौके से फरार हो गया।

इस वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी मंथन कॉलेज से कुछ दूरी पर स्थित मिशन कंपाउंड में रहने वाली छात्रा कृतिका के घर पहुंचा। कृतिका घर के बाहर बैठी थी। आरोपी मंथन ने वहां उसे भी गोली मार दी। मंथन ने भागने की कोशिश की, लेकिन आसपास के लोगों ने उसे पकड़ लिया। गुस्साए लोगों ने रस्सी से हाथ पैर बांधकर उसे जमकर पीटा था। मंथन कृतिका से एकतरफा प्यार करता था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

हुकुमेंद्र से कृतिका की नजदीकियां बर्दाश्त नहीं थी

पुलिस के अनुसार, कृतिका मंथन और हुकुमेंद्र की दोस्त थी। लेकिन बीते कुछ दिनों से वह हुकुमेंद्र के ज्यादा नजदीक आ गई थी। यह बात मंथन को नागवार गुजर रही थी। उसने दोनों को अलग अलग रहने की हिदायत दी थी। दोनों नहीं माने तो मंथन ने दोनों को गोली मारने के बाद खुदकुशी करने का प्लान बनाया था। लेकिन लोगों ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था। उसकी पिस्टल भी छीन ली थी।

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