भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली का कायाकल्प होगा
वाराणसी। भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ को नए सिरे से संवारा जाएगा। विश्व बैंक के 72 करोड़ रुपए की मदद से सारनाथ में देश और दुनिया भर से आने वाले सैलानियों के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर सुविधाएं विकसित की जाएंगी। शुक्रवार की दोपहर नगर निगम वाराणसी, पर्यटन विभाग और बिजली विभाग के अधिकारियों ने सारनाथ क्षेत्र का भ्रमण किया। अफसरों ने तय किया है कि आगामी 2 माह में सारनाथ को संवारने का काम शुरू कर दिसंबर 2022 में खत्म कर दिया जाएगा।
सभी तरह के तार किए जाएंगे भूमिगत
पर्यटन अधिकारी कीर्तिमान श्रीवास्तव ने बताया कि विकास कार्यों के तहत सारनाथ स्थित आकाशवाणी तिराहे से चौखंडी स्तूप, संग्रहालय से तिब्बती बौद्ध मंदिर होते हुए आकाशवाणी तिराहा तक की सड़क का सुंदरीकरण किया जाएगा। सारनाथ क्षेत्र में बिजली और टेलीफोन सहित सभी तरह के तार भूमिगत किए जाएंगे। सीवर पाइप लाइन बिछाई जाएगी। पुरातात्विक संग्रहालय से सारनाथ मुख्य चौराहा तक पर्यटकों के बैठने के लिए कुर्सियां रखी जाएंगी और पैदल चलने के लिए पाथवे बनेगा। मौजूदा कूड़ा डंपिंग स्थल की जगह वाहन पार्किंग बनेगी। वाहन पार्किंग से पर्यटकों को पुरातात्विक स्थलों तक ई-रिक्शा से ले जाया जाएगा।
मंदिरों को जाने वाले मार्गों का होगा सुंदरीकरण
सारनाथ क्षेत्र के 26 धार्मिक स्थलों वाले मार्गों का सुंदरीकरण कर उन्हें मुख्य मार्ग से जोड़ा जाएगा। पर्यटकों की सुविधा के लिए अलग-अलग भाषाओं में डिजिटल साइन बोर्ड लगेंगे। सारनाथ क्षेत्र को सीसीटीवी कैमरे से लैस कर उसकी मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी पर्यटन थाने को सौंपी जाएगी। गौरतलब है कि सारनाथ को लालबहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट और वाराणसी से गुजरने वाले सभी नेशनल हाईवे से सीधे जोड़ने के लिए अलग से एक विश्व स्तरीय सड़क बनाने की परियोजना पर भी अलग से काम चल रहा है। सड़क के प्रोजेक्ट को भी जल्द ही मूर्त रूप देने की तैयारी है।
पर्यटन विभाग से समन्वय बना कर करें काम
नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने सारनाथ में होने वाले विकास कार्य की राह में आड़े आ रही समस्याओं का जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने नगर निगम के अलग-अलग विभागों के विभागाध्यक्ष को समस्याओं का निस्तारण कराने की जिम्मेदारी सौंपी। नगर निगम के अधिकारियों को समझाया कि वह पर्यटन विभाग के साथ सामंजस्य बनाकर काम करें।