साल 2019 के अंत में जब चीन में कोरोना वायरस की जानकारी मिली तो यह अनुमान लगाया गया था कि यह पूरी दुनिया के लिए बेहद ही घातक साबित हो सकता है और पिछले डेढ़ वर्षों में इस वायरस की तबाही को हम सभी ने अपनी आंखों से देखा। कोविड-19 की वैक्सीन आने के बाद भी लोग कोरोना संक्रमित हो रहे हैं। अब चीन में एक और नए वायरस की सूचना मिली है। इस मंकी बी वायरस (बीवी) का पहला केस मार्च में रिपोर्ट किया गया, जब एक पशु चिकित्सक दो जानवरों के इलाज के दौरान इस वायरस के संपर्क में आए।
पिछले हफ्ते चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कण्ट्रोल एंड प्रिवेंशन (चीन सीडीसी) ने इस मामले की ब्रीफिंग की। उन्होंने यह बताया कि इस वायरस के संपर्क में आने के बाद पशु चिकित्यक ने कई बड़े अस्पतालों में इलाज करवाया, लेकिन उससे कोई लाभ नहीं हुआ और मई में सर्जन की मृत्यु हो गई। रिपोर्टों के अनुसार, रोगी के सेरब्रोस्प्य्नल फ्लूइड को एग्जामिन करने के बाद उनमें अल्फाहर्पीसवायरस संक्रमण का संकेत मिला है। आगे की सीक्वेंसिंग के लिए मरीज से ब्लिस्टर फ्लूइड, ब्लड, नेजल स्वैब, थ्रोट स्वैब और प्लाज्मा भी इकट्ठा किया गया। नमूने चीन सीडीसी के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर वायरल डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (आईवीडीसी) को भेजे गए थे, जहां इसकी पहचान मंकी बी वायरस के रूप में की गई थी।
मंकी बी वायरस को आमतौर पर हर्पीज बी, हर्पीसवायरस सिमिया और हर्पीसवायरस बी के रूप में भी जाना जाता है। यह एक ऐसा वायरस है, जो वास्तव में मैकाक बंदरों के कारण होता है। इसके अलावा रीसस मैकाक, सुअर-पूंछ वाले मैकाक और सिनोमोलगस बंदर या लंबी पूंछ वाले मैकाक से भी यह वायरस फैल सकता है। इस वायरस से चिंपैंजी और कैपुचिन बंदर भी संक्रमित हो सकते हैं और मर सकते हैं।
यूनाइटेड स्टेट्स सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) ने बताया कि मनुष्यों में मंकी बी वायरस के संक्रमण में मामले बेहद दुर्लभ होते है। 1932 में इसे सबसे पहले पहचाना गया, तब से लेकर अब तक इसने सिर्फ 50 लोगों को संक्रमित किया है। उनमें से केवल 21 की मृत्यु हुई। इतना ही नहीं, कोरोना वायरस की तरह यह वायरस मनुष्य से मनुष्य में नहीं फैलता है। अब तक ऐसा कोई भी केस देखने को नहीं मिला, जब मंकी बी वायरस से संक्रमित व्यक्ति ने दूसरे व्यक्ति को संक्रमित किया हो। 1932 के बाद से दर्ज 50 मामले एक बंदर द्वारा काटने या खरोंचने के बाद संक्रमित हो गए।
वायरस मकाक के लार, मल, मूत्र, मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी के टिश्यू में पाया जाता है, जो सतहों पर घंटों तक जीवित रह सकता है, खासकर जब नमी हो। इस वायरस से आम लोगों के संक्रमित होने का जोखिम कम है, लेकिन यह प्रयोगशाला कर्मचारियों, पशु चिकित्सकों और उन लोगों में फैल सकता है जो बंदरों या उनके नमूनों के संपर्क में आ सकते हैं।
कोरोनावायरस की तरह ही मंकी बी वायरस के पहले लक्षण फ्लू जैसे होते हैं, जिसमें बुखार और ठंड लगना, मांसपेशियों में दर्द, थकान, सिरदर्द शामिल हैं। कुछ समय के बाद वायरस से संक्रमित व्यक्ति को घाव में छोटे-छोटे छाले हो सकते हैं, जबकि अन्य लक्षणों में सांस की तकलीफ, मतली और उल्टी, पेट में दर्द आदि शामिल हैं। जब यह बीमारी बढ़ने लगती है तो वायरस मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में सूजन भी पैदा कर सकता है। सीडीसी के अनुसार, लक्षण एक दिन से तीन सप्ताह के बीच भिन्न हो सकते हैं।
वर्तमान में, मंकी बी वायरस को मात देने के लिए कोई टीका मौजूद नहीं है। हालांकि, समय पर एंटीवायरल दवाएं देने पर संक्रमित व्यक्ति की जान बचाई जा सकती हैं। इसके अलावा कुछ सुरक्षात्मक उपाय भी आपकी मदद कर सकते हैं-
डॉक्टर सलाह देते हैं कि अगर आपको बंदर ने काट लिया है तो
• घाव को साबुन, डिटर्जेंट, या आयोडीन से 15 मिनट के लिए धोकर धीरे से साफ़ करें
• घाव या क्षेत्र पर और 15 से 20 मिनट के लिए पानी चलाएं।
• तुरंत चिकित्सक से मिलें।