अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई 26 करोड़ की जमीन विवाद के बीच अयोध्या के महंतों में विवाद बढ़ गया है। ट्रस्ट पर घोटाले और ट्रस्ट के राष्ट्रीय महासचिव चंपत राय पर लगे आरोप को रामजन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य व पूर्व सांसद राम विलास वेदांती ने गलत ठहराया है। उन्होंने कहा कि जिस ट्रस्ट में चंपत राय जैसे साधु और निर्माण समिति में वरिष्ठ आइएएस नृपेंद्र मिश्रा जैसे योग्य लोग हों, वहां किसी भी प्रकार के घोटाले की गुंजाइश ही नहीं।
एक-एक पैसे का होता है ऑडिट, नहीं हो सकता घोटाला
श्री रामजन्म भूमि ट्रस्ट पर लग रहे आरोपों से दुखी वेदांती ने कहा कि ट्रस्ट को बदनाम कर राम भक्तों को भ्रमित करने की अंतर्राष्ट्रीय स्तर की साजिश रची गई है। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व सपा मुखिया अखिलेश यादव शामिल हैं। संघ परिवार को बदनाम करने का जो षड्यंत्र चल रहा है, उसका दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ चुका है। वेदांती ने कहा कि रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र एक-एक पैसे का ऑडिट होता है। जिससे किसी भी प्रकार के घोटाले की गुंजाइश ही नहीं रह जाती है।
राम मंदिर विरोधी ताकते विश्व स्तर पर हो रहीं एकजुट
हिंदुत्व के फायर ब्रांड नेता डॉ. वेदांती ने कहा कि 500 सालों से हिंदुओं के भव्य राम मंदिर के रूप में देखने की भावना जब साकार हो रही है तो राम मंदिर विरोधी ताकतें विश्व स्तर पर एकजुट हो गई हैं। मंदिर निर्माण में बाधा डालने के लिए अंतर्राष्ट्रीय साजिश रच रहे हैं। जिसे अयोध्या के साधु बर्दाश्त नहीं करेंगे।
24 जून को श्मशान में कुत्तों को भोजन और विरोधियों को मृत्युभोज
इस बीच रामादल आगामी 24 जून को पूर्णिमा के अवसर पर अयोध्या के श्मशान में कुत्तों को भोजन कराकर श्रीराम मंदिर के विरोध में हो रहे षड़यंत्र के समूलनाश की प्रार्थना करेगा। रामादल ट्रस्ट के अध्यक्ष पंडित कल्किराम ने बताया कि इसी दिन सरयू तट पर श्रीराम मंदिर विरोधियों को मृत्युभोज कराया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अथक प्रयासों से श्रीराम जन्मभूमि पर न्यायालय का ऐतिहासिक निर्णय आया। इसके बाद से ही सनातन समाज के खिलाफ कुचक्र रचा जा रहा है। सनातन धर्म के लोगों को जानने और ध्यान रखने की जरूरत है कि हमने श्रीराम जन्मभूमि की मात्र तीन एकड़ भूमि पाने के लिए 500 सालों तक संघर्ष किया है। ट्रस्ट आज 108 एकड़ में भव्य श्रीराम मंदिर बना रहा है।
राम मंदिर के आसपास खुदाई में मजदूर बनकर किया था काम
पंडित कल्किराम ने कहा कि मुझे आज भी वह दिन याद है, जब 2002 में उच्चतम न्यायालय के आदेश पर हुई राम मंदिर के आसपास खुदाई में मजदूर बनकर उन्होंने अपनी सेवा की थी। इससे जो मजदूरी मिली थी, उसे हनुमान गढ़ी मे दानकर दिया था। इसके बाद श्री रामलला के जर्जर हो चुके टेंट को बदलने के लिए चौधरी चरण सिंह घाट पर तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल कलाम की फोटो रखकर अनिश्चितकालीन मौन अनशन भी किया था