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काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के नाम पर विकास नहीं विध्वंस हुआ- महंत यति नरसिंहानंद

वाराणसी। गाजियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद ने सोमवार को वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर पर सवाल उठाए। कहा, यहां विकास नहीं हुआ है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के नाम पर विध्वंस हुआ है। धर्म का विनाश कर विकास हमें कतई मंजूर नहीं है। विकास धर्म की कीमत पर नहीं हो सकता है।

यहां के सैकड़ों साल पुराने मंदिरों, विग्रहों और मूर्तियों को हटा दिया गया। उन मंदिरों, विग्रहों और मूर्तियों की जगह लोग चप्पल उतार रहे हैं। हमारी तकनीक का दुनिया अनादिकाल से लोहा मानती रही है। हम यहां सैकड़ों साल पुराने मंदिरों को और अच्छे से व्यवस्थित कर सकते थे।

काशी के जीवित लोगों को आवाज उठानी चाहिए

महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि धर्म का विनाश कर किए जा रहे तथाकथित विनाश के खिलाफ काशी के जीवित नागरिकों को आवाज उठानी चाहिए। मेरा क्या है? मैं तो यहां से चला जाऊंगा। काशी के लोगों को महादेव द्वारा स्थापित नगरी काशी में धर्म की रक्षा के लिए मुखर होना चाहिए। जैसे यहां हो रहा है वैसे कहीं नहीं होता है। हमने विश्वनाथ मंदिर परिसर में जहां चप्पल उतारी, मुझे बताया गया कि वहां बद्री विशाल का मंदिर था। यह सुनते ही मैं डर गया और मन ही मन ईश्वर से माफी मांगा।

जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाना अच्छा कदम

महंत ने कहा कि मैं जहां रहता हूं वहां एक धर्म विशेष के लोगों ने जीना दूभर कर दिया है। गाजियाबाद, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, बिजनौर जिले में हम लोगों का जीना दूभर हो गया है। रोजाना हमारी बेटियां उठ रही हैं और बेटों के कत्ल हो रहे हैं। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी सुन नहीं रहे हैं। ऐसे ही चलता रहा तो हम बच नहीं पाएंगे। हम काशी के धर्माचार्यों से गुहार लगाने आए हैं कि वो आगे आकर हमारी रक्षा करें और मदद करें। इस बीच महंत ने जनसंख्या नियंत्रण कानून का स्वागत करते हुए कहा कि यह सरकार की अच्छी और बड़ी पहल है।

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