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तत्काल हिन्दू राष्ट्र घोषित हो हिन्दुस्थान – स्वामी आनन्द स्वरूप

संविधान की मूल प्रस्तावना में ‘सेक्युलर’ शब्द जोड़ना एक साजिश की परिणति

हरिद्वार -12 जून। शंकराचार्य परिषद के सर्वपति स्वामी आनन्द स्वरूप ने कहां है कि संविधान की मूल प्रस्तावना में सेक्युलर शब्द को जोड़ने का दंश आज पूरा देश झेल रहा है। विश्व में ऐसा कोई भी देश नहीं है, जिसके संविधान की मूल प्रस्तावना में कहीं छेड़-छाड़ किया गया हो, लेकिन भारत में आपातकाल के दौरान चोरी-छिपे ऐसा किया गया। नतीजा है कि आज पूरा देश परेशान है। समस्या का एकमात्र समाधान भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करना है।

पत्रकार वार्ता में शंकराचार्य परिषद के सर्वपति स्वामी आनन्द स्वरूप ने कहा कि हिन्दुस्थान अनादि काल से हिन्दू राष्ट्र ही रहा है। हमारा दैनिक जीवन हमारी कृषि, हमारा खान-पान, हमारी यात्रा, हमारा प्रकृति प्रेम सब सृष्टि के आरम्भ से ही धर्म से अनुप्राणित रहा है। हम धर्म से विमुख हो ही नहीं सकते। हम सनातन वैदिक हिन्दू धर्म के मानने वाले लोग हैं जिसका न कोई आदि है ना अंत। विश्व के किसी भी भूभाग में जन्म लिए धर्म का कोई न कोई संस्थापक है लेकिन हिन्दू धर्म का कोई संस्थापक नहीं, क्योंकि यह असंख्य ऋषि- मुनि व महापुरुषों के ज्ञान का संचित कोष है, जिसका मूल हमारे वेद हैं। हिन्दुस्थान की धमनियों में धर्म प्रवाहित होता है।

उन्होंने कहा कि धर्म के बिना हिन्दुस्थान की कल्पना ही नहीं की जा सकती। परन्तु कितना दुर्भाग्य है कि भारतीय संविधान की मूल प्रस्तावना में आपातकाल की विषम और त्रसद परिस्थितियों का लाभ उठाकर ४२ वें संशोधन, १९७६ द्वारा ‘सेक्युलर’ शब्द जोड़ कर हमारी जीवन रेखा को ही मिटाने का प्रयास किया गया। पूरे राष्ट्र और विशेषकर हिंदू समाज के विरुद्ध निश्चित ही यह साजिश की परिणति थी।

स्वामी आनन्द स्वरूप ने कहां कि वर्षों के लंबे कालखंड में इस विसंगति के कारण हिंदू व संत समाज के समक्ष उपजी पीड़ादायक परिस्थितियों से अवगत कराने और उनके उचित हल की मांग करने का प्रयास हो, इसलिए शंकराचार्य परिषद के द्वारा सम्पूर्ण भारतवर्ष में हिन्दू रिपब्लिक ऑफ हिन्दुस्थान के लिए क्रमबद्ध हिन्दू पंचायतों का आयोजन किया गया। अति संवेदनशील बल्लभगढ़ हरियाणा से लेकर , लखनऊ, बलिया, हरिद्वार, ऋषिकेश, नादिया, कोलकाता, दुर्गापुर, बांकुड़ा, रानीगंज, नई दिल्ली सहित असंख्य हिन्दू पंचायतों का आयोजन किया गया, जिसे हिन्दू समाज के प्रत्येक वर्ग का अपार समर्थन प्राप्त हो रहा है। वस्तुतः भारत निस्संदेह एक हिंदू राष्ट्र है। सेक्युलर शब्द भारतीय समाज के लिए न तो उचित है, न ही प्रासंगिक समय-समय पर इसकी मनमानी व्याख्याओं ने हिंदू जनमानस के समक्ष अनेक अयाचित, भीषण परिस्थितियां उत्पन्न की। इस शब्द को आधार बनाकर हिंदू समाज पर न जाने कितने आघात किए गए और कितनी धर्म विरोधी और धर्मातरण की गतिविधियां संपादित की गई। लेकिन कहा जाता है कि आवश्यकता अविष्कार की जननी है। जब जैसी आवश्यकता पड़ती है भारत माता उन परिस्थितियों के अनुकूल महापुरुष व वातावरण का सृजन करती हैं। आज हिन्दुस्थान का हिन्दू जाग चुका है। अपने वैभवशाली अतीत को स्मरण करके अपने खोए हुए सम्मान को प्राप्त करने हेतु हिन्दू युवाओं की भुजाएं फड़क रही हैं। यह सदी हिन्दुत्व की है यही कारण है कि हिन्दुत्व के नाम पर केंद्र की सरकारऔर अन्य प्रान्तों में भी या तो हिन्दुत्व की सरकार है या हिन्दुत्व की प्रबलता है। इसके बाद भी आज बंगाल में हिन्दू अपने ही घर से बेघर किये जा रहे है जो कश्मीर के पंडितों के पलायन की याद दिलाता है।

विश्वविद्यालयों में राष्ट्रविरोधी तत्व सक्रिय हैं। कथित वामपंथी बुद्धिजीवियों का संगठित गिरोह लगातार हिन्दुत्व के विरुद्ध दुष्प्रचार में लिप्त है। भारत का खाकर पाकिस्तान का गुणगान करने वाले विधर्मी तेजी से बढ़े हैं। इन सबका मात्र एक ही समाधान है कि हिन्दुस्थान को तत्काल हिन्दू राष्ट्र घोषित किया जाय जिसके लिए भारतीय संविधान की प्रस्तावना को भारत के मन के अनुरूप पुनर्संशोधित किया जाए और सेक्युलर शब्द को हटाकर उसके स्थान पर हिंदू राष्ट्र शब्द जोड़ा जाए। विश्व इतिहास में ऐसा कोई उदाहरण नहीं है जब किसी देश के संविधान की प्रस्तावन में संशोधन हुआ हो । आज जनादेश हिन्दुत्व के पक्ष में है। यह देश हिन्दू राष्ट्र होना चाहता है। सुनहरा अवसर है। अभी नहीं तो कभी नहीं इसलिए शंकराचार्य परिषद यह मांग करती है कि जिस तरह माननीय प्रधानमंत्री जी व व्यवस्थापिका से जुड़े अन्य सदस्यगण के दृढ इच्छाशक्ति से असम्भव से लगने वाली धारा ३७० को उखाड़ फेंका गया और राम मंदिर बनाने का इतिहास रचा गया उसी तरह से हिन्दुस्थान को हिन्दू राष्ट्र बनाने का मार्ग प्रशस्त किया जाय जिससे की आप सबका नाम इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से अंकित हो और हिन्दुस्थान अपने खोए हुए गौरव, गरिमा व स्वाभिमान को पुनः स्थापित कर सकें।

 

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