लखनऊ। उत्तर-प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर इस बार भाजपा माइक्रो लेवल की मैनेजमेंट कर रही है। विधानसभा की हर एक गतिविधि पर नजर रखने और कंपलीट फिडबैक की रणनीति बनाई गई है। कहा जा रहा है कि आगामी विधान सभा चुनाव के लिए भाजपा एक ऐसा दुर्ग तैयार कर ही है, जिसे भेद पाना विपक्षी दलों के आसान नही होगा। पार्टी ने यूपी के सभी 403 विधानसभा सीटों के लिए 403 विस्तारकों की तैनाती की है।
हर विस्तारक को विधानसभा चुनाव तक अपने संबंधित विधानसभा क्षेत्र में रहना होगा। शुरुआती दौर में विस्तारक अपने क्षेत्र की चुनावी स्थिति, मौजूदा विधायक की छवि और संभावित दावेदार, विपक्षी दलों की स्थिति, कार्यकर्ताओं के असंतोष सहित अन्य मुद्दों पर फीडबैक लेकर संगठन को देंगे। विस्तारक विधानसभा क्षेत्र में बूथ प्रबंधन से लेकर चुनाव प्रचार के प्रबंधन तक के कार्य करेंगे।
क्या होता है विस्तार ?
ये पूर्णकालिक होते है और सिर्फ चुनाव की अवधी तक के लिए ही होते है। ये अधिकत्तर युवा होते है और गैर जनपदीय होते है। माना जाता है कि तैनाती वाले विधासभा में इनका कोई पर्सनल इंटरेस्ट नही होता, लिहाजा इमानदारी के साथ 24 घंटे सिर्फ संगठन के लिए ही काम करते है।विस्तारक स्थानीय संगठन के अधीन नहीं होकर सीधे प्रदेश मुख्यालय को रिपोर्ट करेंगे। विस्तारकों को विधानसभा क्षेत्र में चुनाव सम्पन्न होने तक स्थायी रूप से निवास करना होगा। उनके निवास और खानपान की व्यवस्था की जिम्मेदारी संगठन खुद उठाता है। यही नहीं, इस बार क्षेत्र में भागदौड़ के लिए पार्टी उन्हें दोपहिया वाहन भी उपलब्ध करा रही है। पार्टी ने हर जिलें में विस्तारकों की बकायदा ट्रेनिंग भी कराई है। इसके लिए पार्टी ने ट्रेनिंग कार्यशालाओं का आयोजन भी किया, जिसमें विस्तारकों को ट्रेनिंग दी गई।
ऐसे तैयार हुआ अभेद किला
भाजपा अपने बूथ प्रबंधन के लिए जानी जाती है। इस बार भी पार्टी ने बूथ लेवल का मैनेजमेंट तैयार किया है। हर विधानसभा के लिए सबसे पहले बूथ कमेटी का गठन किया गया है। एक विधानसभा में करीब 250 से 350 तक बूथ कमेटियां होती है, फिर सेक्टर प्रमुख, मंडल अध्यक्ष, जिला कमेटी में जिलाध्क्ष की नियुक्ति होती है। ये सब भाजपा के स्थाई कमेटी में आते है। इसके बाद विधानसभा प्रभारी बनाये जाते है। ये अस्थआई होते है और चुनाव की दृष्टी से नियुक्त किये जाते है। चुनाव के लिए ही विस्तारकों की तैनाती भी की जाती है।
प्रवासी प्रभारी की भी होगी तैनाती
भाजपा अपने दुर्ग को अभेद बनाने के लिए हर चुनाव में प्रवासी प्रभारी भी बनाती है। ये प्रभारी दूसरे राज्यों से आते है। उत्तर-प्रदेश के आस पास के राज्य जैसे बिहार, मध्य-प्रदेश, राज्स्थान के संगठन को पदाधिकारियों को प्रवासी प्रभारी बनाया जायेगा। चुनाव के अंतिम महिनें में ये विधान सभा में रह कर अपना फीडबैक देते हैं, जिसके आधार पर चुनाव जितने की रणनीति बनाई जाती है, या फिर रणनीति मे बदलाव किया जाता है।
विस्तारकों की भी होगी मानिटरिंग
विस्तारकों की मानिटरिंग के लिए वरिष्ठ विस्तारक प्रमुख और सह विस्तारक प्रमुख की भी तैनात की जा रही है। ये पदाधिकारी समय-समय पर पार्टी द्वारा मिले निर्देश को विस्तारकों तक पहुंचाएंगे। ये विस्तारक पार्टी के उच्च पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के बीच संवाद की कड़ी भी बनेंगे। जमीनी स्तर पर आने वाले दिक्कतों का समाधान पहले अपने स्तर पर करेंगे। अगर समाधान उनकी क्षमता के बाहर है तो उसके लिए उ’च पदाधिकारियों की मदद लेंगे। क्षेत्रीय अध्यक्ष और उनकी टीम समय-समय पर विस्तारकों का मार्गदर्शन करती रहेगी।