उत्तर प्रदेश प्रदेश लेटेस्ट न्यूज़

मनचाहे जिले में तैनाती के बाद भी हो सकता है अध्यापक का ट्रांसफर- इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में कहा है कि सहायक अध्यापक यदि अपने मनचाहे जिले में नियुक्त है, तब भी वह अंतरजनपदीय तबादला कराने की मांग करने का हकदार है। कोर्ट ने कहा, 2 दिसंबर 2019 का शासनादेश और सहायक अध्यापक सेवा नियमावली के नियम 8(2)D के तहत अध्यापक तबादले की मांग कर सकते हैं। कोर्ट ने अहम टिप्पणी सोनभद्र की एक याची टीचर की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। जस्टिस एमसी त्रिपाठी ने बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव को 6 सप्ताह के भीतर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का निर्देश दिया है। याची शारीरिक रुप से अक्षम है।

चित्रकूट तबादले के लिए किया था आवेदन

सोनभद्र की सहायक अध्यापिका शोभा देवी का कहना था कि उसने सोनभद्र से चित्रकूट के लिए अंतरजनपदीय स्थानांतरण के लिए आवेदन किया था। 31 दिसंबर 2020 को उसका ऑनलाइन आवेदन बिना किसी कारण के निरस्त कर दिया गया। याचिका में इस आदेश को चुनौती दी गई है। याची ने बताया कि है कि उसके पति चित्रकूट में स्वास्थ्य विभाग में नियुक्त हैं और उसका बेटा जन्म से ही हृदय रोग से पीड़ित है। जिसका ऑपरेशन हुआ है। साथ ही याची स्वयं शारीरिक रूप से अक्षम है। याची के अधिवक्ता ने दिव्या गोस्वामी केस का हवाला देते हुए कहा कि विशेष परिस्थितियों में अंतरजनपदीय तबादले की मांग की जा सकती है।

बेटा भी है हृदय रोग से पीड़ित

अधिवक्ता ने कोटे से कहा कि वैसे भी महिलाओं को सामान्य नियम में कुछ छूट भी दी गई है। अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता संजय कुमार सिंह का कहना था कि 15 दिसंबर 2020 का शासनादेश प्रभावी है, जो मनचाहे जिलों से तबादले के संबंध में है। यदि याची नए सिरे से आवेदन करती है, तो उस पर नियमानुसार विचार किया जाएगा। कोर्ट का कहना था कि याची शारीरिक रूप से अक्षम है तथा उसका बेटा भी हृदय की बीमारी से पीड़ित है इसलिए याची के आवेदन पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए छह सप्ताह में निर्णय लिया जाए।

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *