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रात के अंधेरे में चुनावी मैनेजमेंट करना पड़ा भारी

सुल्तानपुर। जिले में बाहुबली नेता और पूर्व ब्लॉक प्रमुख यशभद्र सिंह मोनू को शनिवार देर रात कोतवाली नगर पुलिस ने पयागीपुर के पास हाइवे से गिरफ्तार किया है। उनके साथ 11 अन्य लोग भी पकड़े गए। दो गाड़ियां भी जब्त हुई हैं। सभी पर महामारी अधिनियम और धारा 144 के उल्लंघन का केस दर्ज किया गया है। दो व्यक्तियों के पास से असलहा भी बरामद हुआ है, जिनके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई भी की गई है।

घनघनाते रहे फोन, मगर पुलिस ने नहीं छोड़ा

दरअसल, पंचायत चुनाव खत्म होन के बाद अब जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए जोड़-तोड़ और खरीद-फरोख्त शुरु हो गई है। बताया जा रहा है़ कि यशभद्र सिंह मोनू की बहन अर्चना सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष पद की प्रबल दावेदार हैं। मोनू उन्हीं के चुनाव मैनेजमेंट में निकले थे। रात भर उन्हें और उनके समर्थकों को कोतवाली में ही बैठाए रखा गया। इस बीच कई जगह से फोन भी आए, पुलिस भी दबाव में थी। लेकिन वो छूट नहीं सके। SP विपिन मिश्रा ने बताया कि आज सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

बहन पंचायत अध्यक्ष पद की प्रबल दावेदार

अर्चना सिंह वार्ड नंबर 24 से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीतीं है़। महिला सीट होने के नाते उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रबल दावेदार माना जा रहा है़। अंदरखाने में चर्चा तो यहां तक है कि समाजवादी पार्टी के सिंबल पर वो चुनाव लड़ सकती हैं। सत्ताधारी दल किसी भी कीमत पर भद्र परिवार में जिला पंचायत अध्यक्ष का पद जाने नहीं देना चाहता। यशभद्र सिंह और उनके समर्थकों के खिलाफ हुई कार्रवाई को इसी नजरिए से जोड़कर देखा जा रहा है।

बाहुबली का भाई मेनका गांधी के सामने लड़ा था चुनाव

5 वर्ष पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में यशभद्र सिंह भी मैदान में थे। उस समय मोनू के भाई पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू भाजपा में थे। इसलिए भाजपा ने मोनू को समर्थन दिया था। समाजवादी पार्टी ने तत्कलीन जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह को टिकट दिया था। वो जीत भी गईं और तब से मोनू बनाम ऊषा राजनैतिक नूराकुश्ती पूरे पांच साल चली। आरोपी यशभद्र के भाई चंद्रभद्र सिंह ने लोकसभा चुनाव में पूर्व मंत्री मेनका गांधी के सामने चुनाव लड़ा था।

भाजपा के लिए पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी आसान नहीं

साल 2019 में लोकसभा का चुनाव आया तो पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू BSP के टिकट पर मेनका गांधी के विरूद्ध मैदान में आ गए। उन्होंने सारी ताकत झोंक दी। अंत में 14 हजार के अंतर से चंद्रभद्र सिंह चुनाव हार गए। अब जब जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव होना है। भाजपा से ऊषा सिंह के प्रत्याशी बनाए जाने की संभावना है़। लेकिन दिक्कत इस बात की है कि भाजपा के अपने 3 जिला पंचायत सदस्य जीते हैं, उसे 20 वोट और चाहिए। जिसे कवर करना आसान नही हैं। चर्चा है कि ऐसे में सबसे बड़ा रोड़ा मोनू सिंह थे, जिन्हें साइड लगाने की कोशिश की जा रही है।

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