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परिवार को 12 दिन तक दूसरे मरीज का अपडेट देते रहे डॉक्टर

मेरठ|  उत्तर प्रदेश के मेरठ मेडिकल कॉलेज की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। बीते 21 अप्रैल को यहां भर्ती हुए मिलिट्री इंजीनियर सर्विसेज (MES) से रिटायर्ड अधिकारी संतोष कुमार की मौत 24 तारीख को हो गई थी। लेकिन कॉलेज के डॉक्टर परिवार को किसी दूसरे मरीज की रिपोर्ट बताते रहे। परिवार भी आश्वस्त था कि सब कुछ ठीक है। लेकिन जब 12 दिन बीत गए तो परिवार को कुछ अनहोनी की आशंका हुई। तीन मई को बेटी ने डॉक्टरों से पिता की जानकारी मांगी तो कोई सटीक जवाब नहीं मिला।

आखिरकार बेटी ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करते हुए CM योगी आदित्यनाथ से मदद मांगी। इसके बाद हरकत में आए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने रिटायर्ड अधिकारी की खोजबीन की तो पता चला कि उनकी मौत हो चुकी है। यह सुनते ही परिवार के नीचे से जमीन खिसक गई। अब परिवार शव के लिए परेशान है। शव कहां है? इसका भी जवाब मेडिकल कॉलेज प्रशासन के पास अभी नहीं है। पूरे मामले में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार ने जांच के निर्देश दिए हैं।

21 अप्रैल को भर्ती हुए संतोष कुमार

गाजियाबाद निवासी संतोष कुमार (64) पुत्र सीताराम MES से सेवानिवृत्त थे। कोरोना पॉजिटिव आने के बाद 21 अप्रैल को मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्ड में भर्ती हुए थे। जहां परिवार के लोगों को लगातार मरीज के बारे में अपडेट दिया जा रहा था। 3 मई की सुबह से मरीज के बारे में उनकी बेटी शिवांगी और परिवार के अन्य लोगों को कोई जानकारी नहीं दी गई। संतोष कुमार की बेटी शिवांगी ने इस संबंध में शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज के कोविड- वार्ड प्रभारी व प्रशासन से गुहार लगाई कि मेरे पिता मेडिकल कॉलेज में भर्ती हुए थे। उनके बारे में नहीं बताया जा रहा है। न ही उनके स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी जा रही है। 4 दिन से मरीज के लापता होने की जानकारी से मेडिकल कॉलेज प्रशासन सकते में आ गया।

भर्ती के दो दिन बाद ही हो गई मौत

मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने शनिवार को इस संबंध में जो गहनता से जांच पड़ताल की तो पता चला कि मरीज संतोष कुमार की भर्ती होने के 2 दिन बाद यानी 23 अप्रैल को ही मौत हो गई थी। अब सवाल यह है कि मरीज के शव का लावारिस में अंतिम संस्कार किया गया या फिर शव कहां है? इसकी जानकारी अभी तक नहीं लग सकी है। परिवार के लोगों ने इस संबंध में SSP मेरठ से भी गुहार लगाई है। सूरजकुंड स्थित श्मशान घाट पर भी जानकारी मांगी गई है।

दूसरे मरीज का दिया गया अपडेट

मरीज संतोष कुमार मेडिकल में कोविड के जिस बेड पर भर्ती थे, उसी वार्ड में महिला संतोष कपूर भी भर्ती थीं। डॉक्टर ने बताया कि 2 नाम एक जैसे होने पर गलतफहमी हुई और संतोष कुमार के परिवार के लोगों को महिला संतोष कपूर का अपडेट देते रहे। मरीज संतोष कुमार के बेटी शिवांगी और बेटे अंकित ने मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। कहा कि जब हमारे पिता के साथ ऐसी अनहोनी हो गई थी तो करीब 12 दिन तक हमें गुमराह किया गया। लेकिन दूसरे मरीज की गलत जानकारी हमें देते रहे कि आपका मरीज ठीक हैं। इसमें लापरवाही करने वाले दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

एक ही नाम के दो मरीज थे भर्ती

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार ने इस संबंध में जांच के निर्देश दिए हैं। उनका कहना है कि एक ही नाम के दो मरीज भर्ती थे। जिनकी मौत हो गई थी। जिनके परिवार के लोगों से संपर्क नहीं होता अंतिम संस्कार कराया जाता है। वहीं, SSP अजय साहनी ने भी इस संबंध में पीड़ित परिवार के लोगों को जांच का आश्वासन दिया है।

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