कानपुर। कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। इस बीच हर जगह से लोग मदद के लिए हाथ बढ़ा रहे हैं। ऐसे में USA में रहने वाली दो बहनों को जब कानपुर में फैले संक्रमण से हो रही मौतों ऑक्सीजन की कमी की बारे में जानकारी हुई तो उनका प्रेम उन्हें अपनों के पास खींचने लगा। उन दो डॉक्टर बहनों से रहा नहीं गया और उन्होंने आगे बढ़कर मदद की और उन्होंने 10 बाइपैप मशीने यानी मिनी वेंटिलेटर दान में दे दिए।
उन्होंने ऑक्सीजन की कमी को थोड़ा दूर करने के लिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की मदद करने की ठान ली और अमेरिका से हैलट अस्पताल को 10 बाइपैप मशीनें दान की हैं।बाईपैप मशीनें वेंटिलेटर की तरह ही काम करती हैं। इनसे गंभीर रोगियों की जान बचाई जा सकेगी।
विदेश में रहते हुए भी अपनों की परेशानी नहीं देख सकी डॉक्टर बहनें
किदवई नगर के डेंटल सर्जन डॉ.आरबी जैन की बेटियां डॉ. मिली जैन और डॉ. जूही जैन अमेरिका (USA) में रहती है और दोनों बहने वहां की एक संस्था से जुड़ी हुई है और फिजीशियन के तौर पर कार्यरत हैं।डॉ. मिली जैन फिजीशियन और डॉ. जूही जैन मधुमेह रोग विशेषज्ञ हैं। कुछ दिन पूर्व उनके पिता डॉक्टर आरबी जैन कोरोना संक्रमण से संक्रमित हो गए थे जिन का इलाज कानपुर के हैलट में चल रहा था।
इस दौरान दोनों बहनों का संपर्क लगातार अपने पिता व वहां के डॉक्टरों से होता रहता था उनके पिता का संक्रमण ठीक होने के बाद उन्हें पूरे प्रोटोकॉल के साथ घर भेज दिया गया। लेकिन इस दौरान उनके पिता और डॉक्टरों से कानपुर के हालात की जानकारी जब दोनों बहनों को मिली तो बहनों से रहा नहीं गया।
उन्होंने इसके लिए अपने साथ पढ़ने वाले डॉक्टर डॉ. प्रज्ञनेश कुमार से बातचीत कर मदद करने की बात कही और फिर दोनों बहनों ने अमेरिका से ऑनलाइन आर्डर करते हुए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से संबंध हैलट अस्पताल को 10 बाइपैप मशीनें दान की हैं।
बाइपैप मशीन क्या होता है
बाइपैप एक प्रकार का मास्क है,जिसे चेहरे (मुंह) पर लगाया जाता है।इसे लगाने के समय एक चीज का ध्यान रखें कि बाइपैप मशीन को सही से लगाया जाए, ताकि हवा बाहर न निकल सके।साथ ही फेफड़ें सही से काम कर सके।चूंकि, कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को सांस लेने में तकलीफ होती है।इसके लिए बाइपैप मशीन का प्रयोग कोरोना समेत फेफड़ों से संबंधित बीमारियों में सांस लेने के लिए किया जाता है।बाइपैप मशीन फेफड़ों में ऑक्सीजन पहुंचाती है। इस मशीन की मदद से कोरोना के मरीजों के इलाज में सहायता मिलती है।