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जिलाधिकारी ने संभावित बाढ़ के दृष्टिगत दिए दिशा निर्देश

वाराणसी। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि जनपद वाराणसी में गंगा नदी का चेतावनी बिन्दु 70.262 मी0 है, खतरे का स्तर 71.262 मी0 तथा अधिकतम् जलस्तर 73.901 है। आज 06 अगस्त शुक्रवार को केन्दीय जल आयोग द्वारा प्रातः 08:00 बजे गंगा नदी का जलस्तर 69.30 मी0 दर्ज किया गया है। आगामी दिवसों में गंगा नदी के जलस्तर में और ज्यादा वृद्धि होने की सम्भावना है।

उक्त के दृष्टिगत उन्होंने आम-जनमानस हेतु आवश्यक दिशा निर्देश निर्गत किये हैं। उन्होंने बाढ़ की स्थिति में क्या करें, क्या न करें के संबंध मे विस्तार से अवगत कराते हुए बताया कि बाढ़ से पूर्व ऊंचे स्थानों को पहले से चिन्हित करें, जरूरी कागजात जैसे-राशन कार्ड, बैंक पासबुक, मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड इत्यादि का वॉटरप्रुफ बैग में सम्भाल कर रखें, आवश्यकतानुसार खाद्य सामग्री जैसे-बिस्किट, लाई, भुना चना, गुड़, चूडा, नमक, चीनी, सत्तू इत्यादि। एकत्र करें, बीमारी से बचाव हेतु क्लोरिन, ओ0आर0 एस0 तथा आवश्यक दवाईया प्राथमिक उपचार किट में रखें, सूखे अनाज एवं मवेसियों के चारे को किसी ऊँचे स्थान पर सुरक्षित रखें, जैरीकैन, छाता, तिरपाल, रस्सी, हवा से भरा ट्यूब, प्राथमिक उपचार किट, मोबाईल व चार्जर, बैटरी चालित रेडियों, टार्च, इमरजेन्सी लाईट, माचिस इत्यादि पहले से तैयार रखें तथा पशुओं में होने वाली बिमारियों के रोकथाम हेतु पशुओं को समय से टीकाकरण करायें। जबकि बाढ़ के दौरान बाढ़ की चेतावनी मिलते ही गर्भवती महिलाओं बच्चों, वृद्धों, दिव्यांग जनों एवं बीमार व्यक्तियों को तुरन्त सुरक्षित स्थान पर पहुचायें, घर छोड़ने से पूर्व बिजली का मुख्य स्विच व गैर रेगुलेटर को अनिवार्य रूप से बन्द करें एवं शौचालय सीट को बालू से भरी बोरी से ढकें, बाढ़ में डूबे हैंडपम्प के पानी का सेवन न करें, उबला हुआ ए क्लोरीन युक्त पानी का उपयोग करें, बाढ़ के पानी के सम्पर्क में आयी खाद्य सामग्रियों का सेवन न करें, गर्भवती महिलाओं को आशा एवं एएनएम की मदद से सुरक्षित प्रसव की व्यवस्था करें, बिजली के तार एवं ट्रान्सफार्मर से दूर रहें, डंडे से पानी की गहराई की जांच करें, गहराई पता न होने पर उसे पार करने की कोशिश न करें, क्षमता से अधिक लोग नाव पर न बैठें, विषैले प्राणियों जैसे-सांप, बिच्छू आदि से सतर्क रहें, तथा सांप काटने पर पीड़ित व्यक्ति को तुरन्त नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र ले जाएं और बाढ़ के बाद बाढ़ से क्षतिग्रस्त घरों एवं संरचनाओं में प्रवेश न करें, क्षतिग्रस्त बिजली के उपकरणों का प्रयोग न करें, क्षतिग्रस्त पुल या पुलिया को वाहन द्वारा पार करने की कोशिश न करें, स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा सुरक्षित घोषित करने पर ही बाढ़ में डूबे हैंडपम्प के पानी का उपयोग करें, महामारी की रोकथाम के लिए बढ़ प्रभावित क्षेत्रों एवं घरों के आसपास ब्लीचिंग पॉउडर का छिड़काव करें, संक्रामक बीमारियों से बचाव हेतु मरे हुए पशुओं एवं मलबों को एक जगह एकत्र कर जमीन में दबाए तथा मलेरिया से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें।

जिलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ से सम्बन्धित किसी नुकसान की सूचना व सम्बंधित जानकारी प्राप्त करने तथा सहायता हेतु बाढ़ कंट्रोल रूम के टेलीफोन नम्बर 05422502562, अपर जिलाधिकारी (वि0/रा०) के मोबाइल नंबर 9454417650, उप जिलाधिकारी, सदर 9454417040, उप जिलाधिकारी, राजातालाब 9454417037, उप जिलाधिकारी, पिण्डरा 9454417039, तहसीलदार सदर 9454417042, तहसीलदार, राजातालाब 9454417044, तहसीलदार, पिण्डरा 9454417043, मुख्य चिकित्साधिकारी 9415301513, अधिशासी अभियन्ता, बन्धी प्रखण्ड 9457207974, अपर नगर आयुक्त, नगर निगम 9838570333, जिला पंचायत राज अधिकारी 9454026006 तथा मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के मोबाइल नंबर 9415070018 पर सम्पर्क किया जाता हैं

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