पटना। बिहार में अब तक 96 डॉक्टरों की मौत कोरोना से हो चुकी है। जान के डर से कई स्वास्थकर्मी खुद को संक्रमित बता छुट्टी पर चले जा रहे हैं। हाल में आरा सदर अस्पताल में यह बात सामने आई थी। ताजा मामला अररिया का है, जहां ड्यूटी से दूर होने के लिए स्वास्थ्य कर्मचारी खुद को को कोरोना पॉजिटिव बता होम आइसोलेट हो जा रहे हैं। इससे जिले में स्वास्थ्य सेवाओं पर काफी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। आरोप है कि सदर अस्पताल में फैमिली प्लानिंग काउंसलर पद पर तैनात अविनाश कुमार खुद को संक्रमित बता छुट्टी पर चले गए। अविनाथ ने पहले रेपिड एंटीजन किट से अपना कोविड जांच किया, जिसमें उनका रिपोर्ट निगेटिव आया। लेकिन स्वयं से राज्य स्वास्थ्य समिति का मेडिकल पुर्जा बना लिया और अपना रिपोर्ट पॉजिटिव दर्शाते हुए सेल्फ आइसोलेशन को लेकर छुट्टी पर चले गए।
अधिकारी बोले- रिपोर्ट पॉजिटिव बनाकर आइसोलेट होना गलत
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. मोईज ने बताया कि काउंसलर का रिपोर्ट नेगेटिव आया है। पोर्टल पर भी उनका रिपोर्ट निगेटिव है। इसके बाद भी रिपोर्ट पॉजिटिव बनाकर आइसोलेट हो जाना गलत है। इसकी सूचना उन्होंने CS को दे दी गई है। CS के निर्देश के बाद आगे की कोई की जाएगी।
CS बोले- RTPCR जांच करवाएं
मामले की जानकारी जब सिविल सर्जन डॉ. MP गुप्ता को मिली तो उन्होंने मामले पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए ट्रूनेट अथवा RTPCR के माध्यम से जांच को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। सिविल सर्जन ने अपने पत्रांक 945 दिनांक 03 मई 2021 में स्पष्ट निर्देश जारी कर कहा है कि एंटीजन रैपिड किट के माध्यम से स्वयं को कोरोना पोजिटिव घोषित करने वाले चिकित्सा पदाधिकारी व स्वास्थ्य कर्मचारी को अब ट्रूनेट अथवा RTPCR के माध्यम से जांच करवाना होगा।
24 घंटे के अंदर काम पर लौटने का निर्देश
इस रिपोर्ट के अनुसार ही चिकित्सा पदाधिकारी और स्वास्थ्य कर्मचारी को इलाज के लिये निर्धारित अवधि दस दिन के लिए होम क्वारंटाइन अवकाश के लिये अधोहस्ताक्षरी को सूचित करना होगा। नहीं तो खुद 24 घंटे के अंदर अपने-अपने कार्यस्थल पर पहुंच कर स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करें। इसकी सूचना CS ने सदर अस्पताल अररिया, अनुमंडल अस्पताल फॉरबिसगंज सहित सभी रेफरल अस्पताल और सरकारी अस्पतालों के साथ RDD पूर्णिया को भी भेजी गई है। फैमिली प्लानिंग काउंसलर अविनाश कुमार ने सेल्फ आइसोलेशन को लेकर सदर अस्पताल के अधीक्षक को अपने द्वारा तैयार किया गया। मेडिकल पुर्जा लगाते हुए आवेदन दिया है। जो कई तरह के सवाल खड़ा कर रहा है।