फिरोजाबाद। फिरोजाबाद की चूड़ियों की खनक देश विदेश तक में है। यहां की बनी चूड़ियां कलाई में पहनकर सुहागन महिलाएं सजती संवरती हैं। बदलते परिवेश में यहां की चूड़ियों की डिमांड विदशों से आने लगी। लेकिन कोरोना महामारी की मार से कांच का उद्याेग भी प्रभावित हो रहा है। दरअसल यहां वृहद स्तर पर कांच के अन्य उपकरण भी तैयार किए जाते हैं। आक्सीजन गैस के जरिए हस्तशिल्प और माउथ ब्लोइंग उत्पादों को भी तैयार कर देश के विभिन्न कोनों में भेजा जाता है। अभी कोरोना काल में ऑक्सीजन संकट होने के कारण कारखानों में काम नहीं हो पा रहा है।
फिरोजाबाद के कारखानों में तैयार होने वाली चूड़ियों की कटाई के साथ ही माउथ ब्लोइंग कारखानों में बनने वाले उत्पादों के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। हाल ही में जिला प्रशासन द्वारा कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू करा दी थी जबकि कारखानों में होने वाली आपूर्ति को बंद करा दिया था।
इसके बाद से ही हस्तशिल्प (हाथों से तैयार उत्पाद) और माउथ ब्लोइंग (मुंह से फूंक मारकर तैयार होने वाले उत्पाद) तैयार करने में ऑक्सीजन की काफी खपत होती है। ऐसे में ऑक्सीजन न मिलने के कारण उत्पाद तैयार नहीं हो पा रहे हैं। कारखानेदार राजकुमार मित्तल बताते हैं कि ऑक्सीजन न मिलने के कारण अब तक करीब 10 करोड़ से अधिक का नुकसान कांच इंडस्ट्री को हो चुका है।