भदोही। में 24 अगस्त ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के तत्वावधान में आयोजित विश्वकर्मा सम्मेलन आज दिन में चौरी बाजार के कुकरौठी स्थित शीतला कुटीर सभागार में संपन्न हुआ। सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने कहा मौजूदा सरकार में विश्वकर्मा समाज के सामने सबसे ज्यादा अस्तित्व का संकट है। वोट के लिए भगवान विश्वकर्मा का राजनीतिकरण कर समाज को धोखा देने का षड्यंत्र किया जा रहा है। कुछ लोग अपने निजी राजनीतिक स्वार्थ के लिए दलों के साथ सौदेबाजी कर रहे हैं, जो निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे नेताओं से समाज को सावधान रहने की जरूरत है।उन्होंने कहा समाज भेदभाव के चलते गैर बराबरी उपेक्षा अन्याय और जुल्म का शिकार हैं। समानता भागीदारी और रोजगार के अधिकारों के लिए समाज को संगठित होकर संघर्ष करने का समय आ गया है। उन्होंने विश्वकर्मा पूजा पर्व को पौराणिक परंपरा बताते हुए कहा यह पूजा दिवस सभी धर्म एवं जाति वर्ग के लोगों के आस्था का प्रतीक होने के साथ ही विश्वकर्मा समाज के स्वाभिमान पहचान और गौरव का प्रतीक पर्व है।
उन्होंने मुख्यमंत्री को याद दिलाते हुए कहा की वायदा के बावजूद भगवान विश्वकर्मा के जीवन चरित को शैक्षिक पाठ्यक्रम में शामिल न करके सरकार ने समाज को धोखा दिया है। जिससे समाज में गहरा आक्रोश है। उन्होंने भगवान विश्वकर्मा के जीवन चरित् को शैक्षिक पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने तथा पूजा दिवस 17 सितंबर को सार्वजनिक अवकाश की मांग को लेकर संघर्ष का शंखनाद किया। तथा समाज से अपील किया कि महासभा द्वारा चलाए जा रहे मुख्यमंत्री को ई मेल भेजो सप्ताह व्यापी अभियान में सहभागी बनकर प्रदेशभर से लाखों ईमेल तथा जिला कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित करें। सम्मेलन की अध्यक्षता श्याम लाल विश्वकर्मा एवं संचालन डॉ विनोद कुमार विश्वकर्मा ने किया विचार व्यक्त करने वाले लोगों में प्रमुख रूप से श्रीकांत विश्वकर्मा डॉ प्रमोद कुमार विश्वकर्मा नंदलाल विश्वकर्मा चंद्रशेखर विश्वकर्मा भैरव विश्वकर्मा सुरेश विश्वकर्मा महेंद्र विश्वकर्मा भाई लाल विश्वकर्मा जग्गू विश्वकर्मा प्रेमचंद कवि खुशियाल विश्वकर्मा आनिका विश्वकर्मा प्रेम जौनपुरी रमेश विश्वकर्मा सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।