लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि 30 लाख से अधिक आबादी वाले जिलों में रोजाना कम से कम 10 हजार टेस्ट किए जाएं। उन्होंने कहा है कि अन्य राज्यों में कोविड-19 संक्रमण की स्थिति के मद्देनजर यह खतरा अभी टला नहीं है। उत्तर प्रदेश कई राज्यों और नेपाल राष्ट्र की सीमा से जुड़ा है। ऐसे में, किसी भी स्तर पर लापरवाही या शिथिलता न बरती जाए।
मुख्यमंत्री योगी गुरुवार रात वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए डीएम व सीएमओ से बात कर कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। ‘मेरा गांव, कोरोना मुक्त गांव’ के लिए टीम वर्क के साथ कार्य किया जाए। यदि किसी जिले में आक्सीजन प्लांट की जरूरत है तो उसका प्रस्ताव शीघ्र मुख्य सचिव को भेज दें। पोस्ट कोविड वार्ड की भी स्थापना कर मरीजों का इलाज सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच और इलाज के संबंध में प्राइवेट लैब व निजी अस्पतालों द्वारा मनमानी और ओवर चार्जिंग की स्थिति में उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। निजी एम्बुलेंसों द्वारा भी मनमाना किराया वसूली को रोका जाए। एम्बुलेंस पर रेट लिस्ट चस्पा रहे। मुख्यमंत्री ने कानपुर नगर, सम्भल, गाजीपुर, महोबा, अयोध्या, बाराबंकी, मथुरा, जालौन आदि के जिलाधिकारियों से बात की।
गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, सहारनपुर, बुलन्दशहर में अच्छा काम हुआ
मुख्यमंत्री ने कहा कि 25 अप्रैल के बाद से प्रतिदिन एक लाख कोविड केस होने की आशंका व्यक्त की गयी थी, जिसे सामूहिक प्रयासों से नियंत्रित कर लिया गया है। कई जिलों में प्रभारी अधिकारियों ने भी अच्छा कार्य किया है। गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, सहारनपुर, बुलन्दशहर आदि में कोविड प्रबन्धन के सम्बन्ध में अच्छा कार्य हुआ है। दिल्ली की अपेक्षा हमारी स्थिति बेहतर रही है। कोविड प्रबन्धन के लिए प्रतिदिन डीएम, सीएमओ सहित अधिकारियों की बैठकें की जाएं। स्थानीय जनप्रतिनिधियों से संवाद बनाते हुए खाद्यान्न वितरण के दौरान उन्हें राशन की दुकानों का भ्रमण करने के लिए आमंत्रित किया जाए।