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CM योगी भी आए कोरोना वायरस की चपेट में

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों में कोरोना मरीजों की तादात इतनी बढ़ गई है कि अस्पतालों के बेड भर गए हैं। सरकार के इंतजाम भी कोरोना की इस खतरनाक लहर में कम पड़ रहे हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री कार्यालय के कई अधिकारियों के कोरोना संक्रमित होने के बाद उन्होंने खुद को आइसोलेट कर लिया था। योगी ने ये जानकारी अपने ट्वीट पर साझा की है।

उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “शुरुआती लक्षण दिखने पर मैंने कोविड की जांच कराई और मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मैं सेल्फ आइसोलेशन में हूं और चिकित्सकों के परामर्श का पूर्णतः पालन कर रहा हूं। सभी कार्य वर्चुअली संपादित कर रहा हूं।” उन्होंने आगे लिखा, “प्रदेश सरकार की सभी गतिविधियां सामान्य रूप से संचालित हो रही हैं। इस बीच जो लोग भी मेरे संपर्क में आएं हैं वह अपनी जांच अवश्य करा लें और एहतियात बरतें।”

अखिलेश और कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन भी हुए पॉजिटिव

इस बीच पूर्व CM अखिलेश यादव और यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसकी जानकारी उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर दी है। उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन ने संपर्क में आए सभी लोगों से कोरोनावायरस का टेस्ट और कोविड प्रोटोकाल का पालन करने का आग्रह किया है।

उत्तर प्रदेश सरकार के नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन गोपाल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा कि, कोरोना के प्रारम्भिक लक्षण दिखने पर मैंने अपनी जांच कराई, जिसकी रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी है। डाक्टरों की सलाह पर मैं स्वयं को घर पर ही आइसोलेट कर लिया है। विगत दिनों मेरे सम्पर्क में आए हुए लोगों से अनुरोध है कि अपनी जाँच करवा लें।

इससे पहले अखिलेश यादव ने अपनी रिपोर्ट की जानकारी देते हुए कहा, अभी-अभी मेरी कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट पॉज़िटिव आई है। मैंने अपने आपको सबसे अलग कर लिया है व घर पर ही उपचार शुरू हो गया है। पिछले कुछ दिनों में जो लोग मेरे संपर्क में आये हैं, उन सबसे विनम्र आग्रह है कि वो भी जांच करा लें। उन सभी से कुछ दिनों तक आइसोलेशन में रहने की विनती भी है।

अखिलेश यादव ने मंगलवार को कराया था टेस्ट

अखिलेश यादव ने कोरोना टेस्ट कराते हुए अपनी तस्वीर ट्विटर पर शेयर की। इसके साथ उन्होंने लिखा कि ”यूपी में कोरोना से जो हाहाकार मचा है उसके लिए भाजपा सरकार को जवाब देना होगा कि उसने कोरोना पर नियंत्रण पाने का झूठा ढिंढोरा क्यों पीटा। टीका, टेस्ट, डॉक्टर, बेड, एंबुलेंस की कमी, टेस्ट रिपोर्ट में देरी व दवाई की काला बाज़ारी पर भाजपा सरकार चुप क्यों है। स्टार प्रचारक कहां हैं?”

MBBS के चौथे और पांचवें सेमेस्टर के छात्र करेंगे कोविड-19 का इलाज
उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामले को देख लेते हुए सरकार ने यह फैसला किया है कि, कोरोना के मरीज़ों के इलाज करने के लिये MBBS के 4th-5th वर्ष के छात्रों को भी कोविड ड्यूटी पर लगाया जायेगा। कोविड के इलाज के लिये साधनो को बेहतर बनाने के लिये निजी अस्पतालों व प्रयोगशालाओं को अधिग्रहीत करने पर फ़ैसला किया है। MBBS परीक्षा निरस्त होने के कारण ड्यूटी हॉस्पिटलों में लगाए जाने का निर्णय लिया गया है।

कोविड प्रोटोकॉल में लक्षण खत्म होने के बाद मरीज किए जाएंगे डिस्चार्ज
उत्तर प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग बना रहा नया कोविड प्रोटोकाल अब कोविड के लक्षण खत्म होते ही कर सकेंगे। मरीजों को डिस्चार्ज, होंम आईसोलेशन में भेजे जाएंगे। कोविड मरीज, कोविड मरीजो को बेड उपलब्ध करानें के लिये सरकार लगातार अपना रही है। नई रणनीति, नए प्रोटोकाल में कम मैन पावर में ज्यादा से ज्यादा मरीजो को मिल सकेगा उपचार, सप्ताह भर के अंदर इसे लागू किया जा सकता है।

दरअसल, अभी अस्पताल में भर्ती बिना कोविड लक्षण वाले मरीजो को 7 से 10 दिन बाद किया जाता है डिस्चार्ज, कोविड से संक्रमित मरीजो को लक्षण खत्म होने ने 7 दिन बाद अथवा आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव आनें के बाद डिस्चार्ज किया जाता है।

नये प्रोटोकाल के तहत लक्षण मिलने वाले मरीजो को भर्ती के बाद यदि लक्षण खत्म हो जाते हैं तो उन्हें भी 3 से 4 दिन में डिस्चार्ज किया जाएगा। ऐसे मरीजों के लिए होम आइसोलेशन 14 दिन से बढ़ाकर 21 दिनों के लिये किया जा सकता है।

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