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आयुर्वेद में भी है ब्लैक फंगस का इलाज : डॉ. जायसवाल

  • दवाओं का सेवन आयुर्वेदाचार्य की सलाह से ही करें

    कोविड से बचने के लिए प्रोटोकाल का पालन जरूरी

लखनऊ, 4 जून। कोरोना संक्रमण के बाद अब लोग ब्लैक फंगस से प्रभावित हो रहे हैं | कोरोना के इलाज के दौरान अधिक एंटीबायोटिक, स्टेरॉयड आदि इस्तेमाल करने वालों में ही प्रायः ब्लैक फंगस का प्रकोप देखा जा रहा है | यह कहना है राजकीय आयुर्वेद संस्थान एवं चिकित्सालय के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डा. मन्दीप जायसवाल का | उनका कहना है कि ब्लैक फंगस कोई नयी बीमारी नहीं है और इसका आयुर्वेद में भी इलाज मौजूद है | इसके लिए जरूरी है कि चिकित्सक की सलाह से दवा की तय की गयी मात्रा में ही सेवन करना चाहिए | अपने आप कोई भी दवा लेना नुकसानदेह हो सकता है |
डा. जायसवाल बताते हैं कि इससे घबराने के बजाय सावधानी बरतकर तथा उचित चिकित्सकीय सलाह से बचाव व इलाज संभव है | ब्लैक फंगस के लक्षण वाले उपचाराधीन मरीजों के लिए आयुर्वेद में कई दवाएं हैं, जिनके सेवन से इससे लाभ प्राप्त हो सकता हैं | नेत्र में महत्रिफला अथवा त्रिफला घृत का तर्पण लाभकारी रहेगा, इसके अतिरिक्त आयुर्वेद में विषघ्न धूपन कर्म एवं नस्य चिकित्सा भी बताई गयी है जिससे फंगल संक्रमण से बचाव किया जा सकता । अपने मधुमेह के स्तर को सदैव नियंत्रित रखे, इसके लिए भी आयुर्वेद का सहारा लिया जा सकता है | बिना चिकित्सक की सलाह के दवा का सेवन न करें | साथ ही चिकित्सक द्वारा दिए गए सुझावों का कड़ाई से पालन करें |
डा. जायसवाल ने बताया – कोविड के इलाज के दौरान अधिक स्टेरॉयड इस्तेमाल करने वाले उपचाराधीन यदि आयुर्वेदिक दवाएं चिकित्सक के देखरेख में प्रयोग करेंगे तो इससे न केवल कोविड बल्कि ब्लैक फंगस से बचाव हो सकेगा। इसके साथ ही लक्षण वाले उपचाराधीन भी आयुर्वेदिक् दवाओं से लाभ प्राप्त करें । इन दवाओं के साथ त्रिफला और हल्दी उबालकर कुल्ला करने से मुख में संक्रमण का खतरा नहीं रहता है। आयुर्वेद चिकित्सा में दवाओं का सही अनुपात और सही समयावधि का ध्यान रखना बड़ा जरूरी है। कई दवाओं का अनुपात उपचाराधीन के वजन से तय किया जाता है, इसलिए चिकित्सक के निर्देशन में ही दवाएं लें।
डा. मन्दीप ने बताया – दवा लेने के साथ ही हवादार साफ – सुथरे कमरे में रहें | ठन्डे खाद्य पदार्थों का सेवन न करें | दिन में कम से कम दो बार भाप लें | पीने के लिए गुनगुने पानी का ही इस्तेमाल करें । हल्का, सुपाच्य और घर का पका हुआ भोजन करें। ध्यान रहे कि भोजन हल्का गर्म और ताजा हो । बासी भोजन के सेवन से बचें | ताजे मौसमी फल एवं सब्जियाँ खाएं । घर से बाहर निकलने पर कोविड से बचाव के प्रोटोकॉल का पालन करें |

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